आमलकी को आंवला ही कहते हैं। आंवले का बहुत बड़ा पेड़ होता है, जिसमें आंवले का फल लगता है। जंगली आंवला आकार में छोटा होता है। अपने लगाए हुए हाईव्रिड आंवले आकार में बड़े होते हैं। इसका साइटिफिक नाम फाइलैथस एवलिका है। इस में विटामिन सी, एस कोरकिक एसिड व टैनीन नाम के रासायनिक तत्त्व पाए जाते हैं। विटामिन सी के अलावा इसमें प्रोटीन व लौह तत्त्व भी पाए जाते हैं।
गुण कर्म : आंवला रोग प्रतिरोधी क्षमता वर्धक, दृष्टि बढ़ाने वाला, रक्त स्तंभक, एसिडिटी को दूर करने बाला, एंटी डायबिटिक गुण वाला तथा शरीर की जलन को दूर करता है।
रोग प्रतिरोधी क्षमता वर्धक- आंवला रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है। बार-बार होने वाले कफ और कोल्ड को दूर करता है।
रक्त स्तंभक-रक्त के जमने की शक्ति को बढ़ाता है। मसूडों के रोगों में बहुत गुणकारी है। नासा से रक्त स्राव व अन्य रक्त स्राव में भी उपयोगी है।
अम्लपित्त नाशक – पेट में एसिडिटी को कम करता है। एसिडिटी से होने वाले विकारों जैसे पेट में जलन तथा पेट के अलसर में बहुत उपयोगी है। इस समस्या में रोगी को आंवले का मुरब्बा भी दिया जा सकता है।
मधुमेह में – डायाबिटीज को दूर करने में सहायक है व एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के कारण हमारे दिल व शरीर के अंगों की रक्षा करता है। आंवला हमारी दृष्टि के लिए भी बहुत उपयोगी है।
जलन में – शीतल प्रकृति होने के कारण आंवला हमारे शरीर की जलन व अंदरूनी गर्मी को भी दूर करता है।
बालों के लिए – बालों के लिए यह बहुत ही उपयोगी है। हेयर फॉलिकल्स में आंवले से सिद्ध तेल की मालिश करने से यह बालों के काले पन को बढ़ाता है, लंबाई बढ़ाता है व उन को झड़ने से रोकता है।