आवाज जनादेश /मण्डी /नेर चोंक
ब्यूरो मण्डी
प्रदेश इंटक महासचिव एव नेर चौक पार्षद रजनीश सोनी, ज़िला महिला कांग्रेस अध्यक्षा सुमन चौधरी, बल्ह इंटक प्रमुख भूपिंदर गुलेरिया, ज़िला इंटक महासचिव रणजीत मंडयाल, बल्ह युवा कांग्रेस अध्यक्ष खेम सिंह, अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख हीरा मल्होत्रा, मज़दूर नेता नवीन राणा ने जारी सयुंक्त ब्यान जारी किया कि नेर चौक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एव हस्पताल की पोल दिन प्रतिदिन जनता के समक्ष खुल रही है और आधी रात को हस्पताल परिसर से उपचाराधीन मरीज गायब हो रहे है , यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारी हस्पताल में भी अब मरीज सुरक्षित नहीं रहे तथा इससे यह साबित हो रहा है कि हस्पताल में नियुक्त कुछ आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपनी डयूटी सही ढंग से नही कर रहे है और रात की डयूटी के दौरान आराम फारमार रहे है और उनके वार्ड से मरीज गायब हो रहे है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग इंटक मज़दूर संगठन करता है। जिसके लिए उप मण्डल अधिकारी बल्ह को शीग्र ज्ञापन सौंपा जाएगाप्रदेश इंटक नेता रजनीश सोनी ने मेडिकल कालेज प्रशासन के ऊपर आउटसोर्सिंग भर्तियों की चयन प्रक्रिया में गम्भीर आरोप लगाये और कहा कि रोजगार कार्यालय अनिवार्यता अधिनियमों को दरकिनार करते हुए नेर चौक मेडिकल कालेज में धड़ल्ले से ठेकेदारी भर्तियां की जा रही है। ज़िला के एक ही विधानसभा क्षेत्र को सबसे ज्यादा तरजीह दी गई है। नई दिल्ली स्थित आई०एल०एफ०एस (ILFS) आउटसोर्सिंग कम्पनी करोड़ो का गडबड घोटाला और अनियमिताएं ई०पी०एफ और वेतन में कर चुकी है जो मामला ई०पी०एफ के न्यायालय और विजिलेंस में विचाराधीन है।मेडिकल कॉलेज में कई ब्लैकलिस्ट कम्पनियां वर्तमान में काम कर रही है और नियमों को दर किनार करते हुए चहितें लोगो को काम दिया जा रहा है,जिसकी पूरी जानकारी आर०टी०आई से मांगी जा रही है और जरूरत पड़ने पर न्यायलय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।अभी हाल ही के सैंकड़ो वार्ड अटेंडेंट के पदों पर नियुक्तियों में एक ही क्षेत्र के सबसे ज्यादा लोगो को दनादन भर्ती किया गया और नियुक्ति पत्र थमाया गया, हाल ही कि विधानसभा में प्रदेश सरकार के बड़े मंत्री बयान दे रहे कि आउटसोर्सिंग भर्तियां बंद की जाएगी और दूसरी तरफ बंद दरवाज़े से अपने ही खास लोगो को विभिन्न विभागों में बैक डोर एंट्री जा रही है, जिसकी इंटक मज़दूर संगठन कड़े शब्दों में निंदा करता है।नेर चौक मेडिकल कालेज में आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त कई सफाई व सुरक्षा कर्मचारी और वार्ड अटेंडेंट के पदों की भर्तियों पर न तो उनकी शिक्षा को ध्यान में रखा गया और न ही कोई योग्यता का मापदंड तय किया गया पँरन्तु जब स्थानीय नेर चौक और बल्ह क्षेत्र के लोगो ने उन्ही पदों पर आवेदन किया तो उनके लिए योग्यता और शिक्षा की अनिवार्यता का मापदंड दिखाकर बाहर का रास्ता दिखाया गया । आवेदकों के परिजनो को हस्पताल प्रशासन यह कह रहा कि किसी विधायक से मार्क करवा के लाओ वरना यहां कुछ नहीं होने वाला। क्या यह आम जनता की सरकार नहीं है क्या।
महिला नेता सुमन चौधरी और बल्ह इंटक अध्यक्ष भूपिंदर गुलेरिया ने सयुंक्त बयान में कहा कि जब यहाँ के कई बड़े नेता अपनी मर्जी से आउटसोर्सिंग के पदों पर नियुक्तियां करवा रहे है और अयोग्य व निक्कमें लोगों को भर्ती किया गया है उसका खामियाजा मेडिकल कॉलेज प्रशासन भुगत ही रहा है, सिफारिश से नियुक्त हुए क्षेत्र विशेष के चतुर्थ श्रेणी के यह सैंकड़ो कर्मचारी आजकल आम जनता ,मरीज़ो के परिजनों और नियमित स्टाफ को धमकाते नज़र आते ही है और बड़े नेताओँ का रोब और स्टाफ को ट्रांसफर करने की धमकियां देकर डरते रहते है उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अभी तो हस्पताल परिसर से मरीज ही गायब हो रहे है ,भविष्य में ऐसा न हो कि डॉक्टरों और अन्य नियमित स्टाफ को भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था को स्वयं ही देखनी पड़े। बल्ह इंटक मज़दूर संगठन ने उपायुक्त मंडी से मांग की है कि रोजगार कार्यालय अनिवार्य अधिनियम को लागू किया जाए और सुरक्षा कर्मचारियों के पदों पर प्रशिक्षित लोगो को भर्ती किया जाए ताकि सुरक्षा व्यवस्था ठीक हो सके।
नेर चौक मेडिकल कालेज में उपचाराधीन मरीज़ों का गायब होने दुर्भाग्यपूर्ण- इंटक मजदुर संगठन
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