चधर्मशाला, । बोर्ड परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले तीन शिक्षकों से प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जवाब तलब किया है। तीनों शिक्षक बोर्ड सचिव के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। उधर, शिक्षकों की लापरवाही के चलते कांगड़ा जिला के दो संस्थानों की तीन छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ा है। जिला कांगड़ा के न्यू ईरा स्कूल ऑफ साइंसेज छतड़ी (शाहपुर) की छात्राओं मुस्कान और वंशिका ने बोर्ड के परिणाम को चुनौती देते हुए पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। अब पुनर्मूल्यांकन का नतीजा आया है तो दोनों छात्राओं ने मेरिट में स्थान हासिल कर शिक्षा बोर्ड की लापरवाही सामने ला दी है।
दसवीं कक्षा की मेरिट लिस्ट में 39 मेधावी शामिल थे। 682 अंक वाले विद्यार्थियों को मेरिट में10वां स्थान मिला था। परिणाम में न्यू ईरा स्कूल ऑफ साइंसेज छतड़ी की मुस्कान के 700 में से 671 अंक थे, जबकि वंशिका चंदेल को 700 में से 672 अंक दिए गए थे, जिसके चलते दोनों छात्राएं मेरिट में जगह नहीं बना पाई थीं। परिणाम आने के बाद छात्राओं ने पुनर्मूल्यांकन करवाया तो मुस्कान के 14 व वंशिका के 12 अंक बढ़ गए और दोनों ही मेरिट सूची में आ गईं, जिसके चलते बोर्ड को मेरिट लिस्ट ही संशोधित करनी पड़ी। एक अन्य मामले में डीएवी पब्लिक स्कूल बनखंडी की छात्रा कोमल राणा ने इस साल दसवीं कक्षा की परीक्षा दी थी।
परीक्षा परिणाम में कोमल को संस्कृत विषय में 44 अंक दिए गए। छात्रा ने संस्कृत के पेपर की री-चेकिंग करवाई, जिसके बाद कोमल राणा का एक अंक कम हो गया व संस्कृत में छात्रा के अंक 43 हो गए, जिसके बाद कोमल राणा ने सूचना के अधिकार का सहारा लिया। सूचना के अधिकार के तहत छात्रा के संस्कृत विषय के पेपर में दिए अंकों की फिर से गणना करवाई गई। अब कोमल के संस्कृत विषय के अंक 43 से बढ़कर 75 हो गए। इनमें 15 अंकों की असेसमेंट जोड़ी गई तो छात्रा के संस्कृत में कुल 90 अंक हो गए, जबकि बोर्ड ने इस बार छात्रा को संस्कृत विषय में 90 के बजाय 93 अंक दे दिए थे।
उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में लापरवाही बरतने पर उक्त शिक्षकों नोटिस भेजकर उनसे जवाब तलब किया गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्हें अगले साल ये काम नहीं दिया जाएगा। -धर्मेश रामोत्रा, सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला।