शिमला — कांगड़ा जिला के स्वास्थ्य केंद्रों में बायोमीट्रिक मशीनों की महंगी दरों पर खरीद में जहां पूर्व सीएमओ को चार्जशीट कर दिया गया है, वहीं आयुर्वेद विभाग में भी उपकरणों की महंगी खरीद के मामले में आईएएस अधिकारी को चार्जशीट किए जाने की सिफारिश की गई है। कार्मिक विभाग ने यह सिफारिश मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी है। बताया जाता है कि कांगड़ा जिला के पूर्व सीएमओ रहे डा.बीएस राणा पर सेवानिवृत्ति के बाद गाज गिर रही है, जिनकी पेंशन से रिकवरी की जाएगी। उनके कार्यकाल में जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए महंगे दामों पर बायोमीट्रिक मशीनें खरीदी गई थीं। ये बायोमीट्रिक मशीनें रोगी कल्याण समीति के बजट से खरीदा गया, जबकि इस बजट से इन्हें खरीदा ही नहीं जा सकता था। वर्ष 2017 में 66 संस्थानों के लिए 82 मशीनें खरीदी गईं, वहीं 2018 में 18 मशीनें ली गई और 2019 में दो मशीनें खरीदी गईं यानी कुल 102 मशीनों की महंगे दामों पर खरीद हुई है। उधर आयुर्वेद विभाग में महंगे दामों पर उपकरण खरीदने का मामला हाल ही में सामने आया था। अब विभाग के तत्कालीन निदेशक आईएएस अधिकारी संजीव भटनागर को भी चार्जशीट करने की तैयारी है। जांच में सामने आया है कि विभाग में उपकरणों की खरीद के लिए कमेटी बनी हुई थी। इस कमेटी पर मिस कंडक्ट और नेगलिजेंसी का मामला पाया गया है, जिसमें तत्कालीन निदेशक को भी पूरी तरह से दोषी माना गया है। मामला सामने आने के बाद सरकार ने संजीव भटनागर को इस पद से हटा भी दिया है, जो अब विशेष सचिव के पद पर हैं।
आदेश का इंतजार
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने अपने स्तर पर जांच कमेटी बिठाई थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तीन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था, जो कि परचेजिंग कमेटी में थे। आरोप है कि 1599 की मशीन 4200 रुपए में खरीदी गई। एम्स ने जो मशीन 19 हजार रुपए में खरीदी थी, उसे हिमाचल के आयुर्वेद विभाग ने 25 हजार रुपए में खरीदा। कार्मिक विभाग इस मामले में सीएम कार्यालय से आदेश मिलने के इंतजार में है, जिसके बाद चार्जशीट होगी और फिर विभागीय जांच आयुक्त को यह मामला जाएगा।
कांगड़ा के पूर्व सीएमओ चार्जशीट बायोमीट्रिक मशीनों की खरीद में गड़बड़ी पर हुई कार्रवाई
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