परमात्मा की व्यवस्था में सहयोग ही उसकी अराधनाः राज्यपाल

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आवाज़ जनादेश/ सोलन /

रसायनिक कृषि भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेवार यह बात एक कार्यक्रम के उपलक्ष्य पर बोलते हुए हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि परमात्मा की बनाई व्यवस्था में सकारात्मक सहयोग ही उसकी अराधना है। राज्यपाल ने यह बात आज सोलन जिला के कठनी में 25वें वार्षिक योग साधना शिविर के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि जीवन में उच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि मनुष्य का आहार, विचार, विहार और लक्ष्य शुद्ध हो तभी मनुष्य इन सभी लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि यम और नियम के पालन से व्यक्ति क्रमिक विकास कर जीवन की ऊंचाइयां प्राप्त कर सकता है। राज्यपाल ने कहा कि आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से ग्रस्त है, जिससे विश्व में कभी अकाल तो कभी भारी वर्षा की घटनाएं आम होने लगी हैं और प्रकृति में विनाश की स्थिति उत्पन्न हुई है।राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इस अवसर योग के प्रसार के लिए 2 लाख रुपये की राशि प्रदान करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए काफी हद तक रसायनों पर आधारित कृषि व्यवस्था भी है। रसायनों और कीटनाशकों के अत्याधिक उपयोग ने प्रकृति के मूल स्वरूप को नष्ट कर दिया है, जिससे पूरे विश्व के अस्तित्व को खतरा हो गया है। उन्होंने कहा कि आहार की शुद्धि के लिए आवश्यक है कि पूरे विश्व में कृषि व्यवस्था प्राकृतिक तौर पर हो। उन्होंने कहा कि मनुष्य के सर्वांगीण विकास का एक मात्र विकल्प प्राकृतिक खेती ही बचा है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि जीवन और आचरण में सरल होना ही योग है और सरल व्यक्ति जीवन में आसानी से उच्च लक्ष्य तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि यम-नियम के एक ही निर्देश को यदि व्यक्ति साध ले तो निश्चित तौर पर लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती एक मौन क्रांति की तरह फैल रही है जिसका प्रदेश के किसानों को लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसानों की आय दोगुनी भी होगी और आम व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा।इस अवसर पर स्वामी योगतीर्थ ने कहा कि मन के रूपांतरण तथा अंतःकरण के बदलाव के लिए योग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही बच्चे को योग के सम्बन्ध में जानकारी दी जानी चाहिए। जब विज्ञान के लोग एक हो सकते हैं, तो धर्म से जुड़े लोग भी जन कल्याण के लिए एक हो सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल तथा शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. खोसला ने भी अपने विचार रखे।इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी सोलन विवेक चंदेल, एसडीएम रोहित राठौर सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। .0.

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