खुले आसमान और बिना मंदिर के विराजती है जोगणी माता

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आवाज जनादेश /आनी
चमन शर्मा
धार्मिक मान्यताओं में हर व्यक्ति के एक इष्ट देव या देवी होते हैं इनकी उपासना करके ही व्यक्ति जीवन में उन्नति कर सकता है आज भी देवी-देवताओं की शक्तियों पर हिमाचल प्रदेश का एक अलग लगाव है आज के बदलते युग में बहुत प्रगति हो रही है लेकिन फिर भी लोगों का दैव-शक्ति ऑयर अथाह एवं अटूट विश्वास बरकरार है आज हम बात कर रहे हैं आनी खण्ड की ग्राम पंचायत कराणा की चोटी पर बसी जोगणी माता की प्राकृतिक सौंदर्य और शीत वातावरण यहाँ की सुंदरता को चार चाँद कगा देता है यहाँ के लोगों की जोगणी माता के ऊपर अटूट विश्वास वर्षों से कायम है एक मान्यता अनुसार जोगणी माता का मूल स्थान लाम्बालाम्बरी है इस स्थान को छैरा नामक ऋषि की भी तपोस्थली माना जाता है गाँव के बुजुर्गों के अनुसार कई दशकों पहले लोगों ने अपनी कमाई के एकमात्र साधन फसलों को ओलावृष्टि और आंधी-तूफ़ान से बचाने के लिए जोगणी माता को यहाँ स्थापित किया था इसके बाद हर वर्ष बैशाख-साजे में यहां जाकर पूजा-अर्चना और हवन-पाठ करते हैं गांववासियों के अनुसार यह क्षेत्र बहुत अधिक ऊंचाई पर स्तिथ होने के कारण यहां ओलावृष्टि और आंधी-तूफ़ान से सारी फसल बर्बाद हो रही थी तो फसलों के बचाव के लिए माता जोगनी को यहां स्थापित किया गया उनका कहना है कि क्षेत्र के लोगों ने जब-जब यहां जाकर माता की पूजा नहीं की तब तब उनकी सेब,गेहूं,जौ,धान की फसलें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ही गई इसलिए गांवावसियों ने हर वर्ष बैसाखी साजे में यहां जाकर पूजा-अर्चना करने के निर्णय लिया मान्यता अनुसार जोगणी माता किसी छत के नीचे वास नहीं करती बुजुर्ग बताते हैं कि किसी व्यक्ति के घर संतान पैदा नहीं हो रही थी उसने सोचा कि अगर माता में इतनी शक्ति निहित है तो इसे आने घर मे रखता हूँ ताकि मुझे सन्तान सुख प्राप्त हो जाये ऐसा करने पर घर में सब उथल-पुथल होने लगा था इसलिए माता को वापिस उसी स्थान पर खुले आसमान के नीचे छोड़ना पड़ा यहां क्षेत्र के गढ़पति देव शमशरी महादेव का मोहरा और छड़ी भी जाती है जिसमें असंख्य श्रदालु इस यात्रा में भाग लेते हैं इससे पहले15अप्रैल 2017 में क्षेत्र के आराध्य एवं गढ़पति देव शमशरी महादेव हज़ारों भक्तों के साथ यहां पहुंचे थे उसके एक वर्ष बाद वर्षगांठ भी मनाई गई जब जब शमशरी महादेव यहाँ जाते हैं तो भव्य एवं मनमोहक नज़ारा देखने को मिलता हैं उस स्थल के चारों और फेरी लगाई जाती है और देवता शमशरी महादेव अपने श्रदालुओं संग खूब झूमते है सरोज ठाकुर के अनुसार यहां के लोग जोगणी माता की शक्ति पर पूरा भरोसा करते हैं उन्होंने कहा कि हर वर्ष बैसाखी में सैकड़ों श्रदालु इस पावन स्थल पर जाकर माता की पूजा-अर्चना करके आने घर-परिवार और क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए कामना करते हैं

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