हिमाचल सरकार आज आपके द्वार
आवाज़ जनादेश ब्यूरो शिमला -जयराम सरकार के मंत्री रविवार को होने वाले 14वें जनमंच के दौरान संबंधित क्षेत्रों के लोगों की समस्याएं ऑन दि स्पॉट निपटाएंगे। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहला जनमंच कार्यक्रम होगा। हालांकि इस बार दो जून को जनमंच प्रस्तावित था, लेकिन पूरी तैयारी न होने के कारण 16 जून यानी तीसरा रविवार फिक्स किया गया। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आठ मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष और चीफ व्हिप जनमंच कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेंगे। सरकार के इस कार्यकाल में पहली बार दो मंत्री जनमंच से दूर रहेंगे। एक मंत्री यानी किशन कपूर सांसद बन गए और दूसरा पूर्व मंत्री अनिल शर्मा इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में दो मंत्रियों के न होने से योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला और चीफ व्हिप नरेंद्र बरागटा जनमंच कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह इन दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ विदेश दौरे पर है, जिस कारण उनकी डयूटी भी नहीं लगाई गई। रविवार को होने वाले जनमंच कार्यक्रम में सरकार के मंत्री और अन्य नुमाइंदे संबंधित क्षेत्रों के लोगों की स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली, पानी और राजस्व विभाग से संबंधित समस्याओं का निपटारा होना है। वहीं, प्रदेश में अब अगले महीने से जिला मुख्यालयों पर अलग से जनमंच कार्यक्रम होंगे, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं करेंगे। वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की थी।
आज कौन, कहां
राजीव बिंदल भागथन (पच्छाद)
महेंद्र सिंह सदर (मंडी)
सुरेश भारद्वाज तेलका (डलहौजी)
सरवीण चौधरी सांगला (किन्नौर)
एम मारकंडा केलांग (लाहुल)
विपिन परमार गुशैणी (बंजार)
वीरेंद्र कंवर चलोला (कुटलैहड)
गोविंद ठाकुर तपोवन (धर्मशाला)
राजीव सैजल गड़खल (कसौली)
हंसराज लदरौर (भोरंज)
रमेश धवाला गेहड़वीं (झंडूता)
नरेंद्र बरागटा रोहडू़ (रोहडू़)
चुनाव से पहले 120 कार्यक्रम, 35 हजार शिकायतों का हल
लोकसभा चुनावों से पहले प्रदेश में 120 जनमंच कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 35 हजार शिकायतों एवं मांग पत्रों का निपटारा किया गया। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही जयराम सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में हर महीने के पहले रविवार को जनमंच कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया था। ताकि प्रदेश के विभिन्न दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले हिमाचल वासियों की समस्या के निवारण में बहुत मदद मिल रही है, परंतु जिला स्तर की विशेष समस्याओं का पूर्ण निवारण नहीं हो पाता है।