अंतर्राष्ट्रीय क्रान्फरैस में न्यूटन की गति का तीसरा नियम संशोधित
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला व अन्य संस्थानो द्वारा आयोजित की जा रही अन्र्तराष्ट्रीय क्रान्फरैस में अजय शर्मा ने न्यूटन की गति के तीसरे नियम के संशोधन पर बल दिया।
इस कान्फरैस का शुभारम्भ माननीय शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने 7 जून 2019 को किया। यह कान्फरैस 9 जून को सम्पन्न होगी।
क्या है न्यूटन का तीसरा नियम ?
न्यूटन के तीसरे नियम के मुताबिक क्रिया (एक्शन) और प्रतिक्रिया (रैक्सन) हमेशा बराबर और विपरीत होती है। अजय शर्मा के मुताबिक क्रिया (एक्शन) प्रतिक्रिया (रैक्सन) से कम, ज्यादा या बराबर भी हो सकती है। इसे प्रयोगो द्वारा सिद्ध किया जा सकता है।
रबड़ की गेंद का फर्श पर फैकना
मान लो हम रबड़ की 1 कि0ग्राम की गेंद को 1 मीटर ऊचाई से गिराते है। पृथ्वी इसे नीचे की तरफ खीचती है। इस गेंद पर नीचे की तरफ क्रिया या ऐक्सन ( फोरस) लगती है।
फर्श से टकराने के बाद
यह गेंद टकराने के बाद 1 मीटर की ऊचाई तक फिर वापिस आ जाती है। यह प्रतिक्रिया या रैक्सन की वजह से होता है। इस तरह ऐक्सन या रैक्सन बराबर और विपरीत हुए। यहां न्यूटन का नियम सही है।
आकार में बदलाव ( परिवर्तन )
मान लो हम एक कि0ग्राम की रबड़ की गेंद के गोल आकार को बदल देते है। अब वस्तु के आकार को अर्धगोलाकार, त्रिभुज , शंकु, या फलैट बना देते है। पर भार 1 कि0ग्राम ही रहता है। अब अलग – अलग आकारों की वस्तुए कुछ सैटीमीटर ऊचाई तक ही ऊपर उठती है। इस तरह प्रतिक्रिया कम है और नियम सही नहीं है।
इस तरह और भी कई प्रयोग हैं जिनमें न्यूटन को गलत सिद्ध किया जा सकता है। दुनिया भर के वैज्ञानिक अजय को प्रयोगों द्वारा
न्यूटन की खामी को सीध करने के लिये कह रहे हैं . अजय ने माननीय मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर और माननीय शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से प्रयोगों के लिये सुविधयों केलिये प्रार्थना की है.
एक अमरेकी
वैज्ञानिक ने वॉशिंग्टन कान्फरेन्स में 2018 में कहा है की अगर अजय प्रयोगों
द्वारा खामी को सिध कर देते है तो भारत नोबेल प्राइज़ का हकदार होगा.