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[/images] (अर्पित अवस्थी की कलम से)
अटल बिहारी वाजपेयी . तीन बार देश के प्रधानमंत्री और 10 बार के सांसद. 50 साल का राजनितिक जीवन, सख्सियत ऐसी की विरोधी भी कायल. भाषण में पैनापन लेकिन कटुता नहीं. नेहरू से ले के मनमोहन सरकार तक संसद देखने वाले अटल . हिमाचल के अभिभावक कहे जाते थे. हिमाचल से इतना लगाव की प्रीणी में अपना घर ही बना लिया और वहां के गाँव वालों के बीच ऐसे रहते थे जैसे वह वहीं के स्थायी निवासी हों. हिमाचल को ले के उनकी उदारवादी छवि हिमाचल वासी कैसे भूल सकते हैं. एक बार जब हिमाचल में कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र में वाजपेयी जी की तब उन्होंने हिमाचल के लिए राहत पैकेज की घोषणा की थी और जब पंजाब और हरियाणा ने हिमाचल की तर्ज पैर पैकेज माँगा था तो अटल जी ने इतना ही कहा था “हिमाचल तो मेरा घर है आप कुछ और बात करो पैकेज के आलावा”. उनके अटल इरादों का हर कोई मुरीद था. बहुत कम राजनेता होते हैं जिनके निधन से एक खालीपन आता है अटल जी उनमे से ही एक थे. आज उनके निधन से पूरा विश्व ग़मगीन है. अटल जी आप अटल थे और अटल ही रहेंगे. आपके प्रिय प्रदेश एवं दूसरे घर के एक आम इंसान की तरफ से एक राष्ट्रवादी, कवि ह्रदय नेता अटल जी को भावभीनी श्र्द्धांजलि. आपके दमदार भाषण और कवितायेँ आपको हमेशा अमर रखेंगी.
अटल श्रद्धांजलि
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