जालंधर (धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए 33,000 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले की राशि को समायोजित करने के लिए पूर्व सरकार ने केन्द्र के साथ मिल कर 3300 करोड़ की वाॢषक किस्तें करवा ली थीं, जबकि ये किस्तें भरने की पंजाब की जिम्मेदारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री अरुण जेतली के साथ 33,000 करोड़ की राशि का बोझ पंजाब पर डालने के मामले को लेकर बातचीत अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। जल्द ही इस संबंध में अहम खुलासे होंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब पर वार्षिक जो 3300 करोड़ रुपए की राशि अदा केन्द्र को करने की तलवार लटक रही है, अगर वह दूर हो जाए तो पंजाब समृद्धि के मार्ग पर तेजी से अग्रसर हो जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर 3300 करोड़ वाॢषक की किस्तों का बोझ पंजाब के सिर से न हटा तो अगले 20 वर्षों में राज्य को 70,000 करोड़ रुपए अदा करने होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह इस मामले को लेकर 3 बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्री अरुण जेतली से मुलाकात कर चुके हैं। वह उम्मीद करते हैं कि जल्द ही 33,000 करोड़ का मसला हल होगा, जिसके बाद पंजाब को राहत मिलेगी।
जाखड़ ने कहा कि रैफरैंडम-2020 मात्र एक शिगूफा है, जिसे ज्यादा हवा देने से खालिस्तानी तत्वों को बल मिलता है क्योंकि ये चंद लोग पाकिस्तान की एजैंसी आई.एस.आई. के इशारों पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति की भारी विफलता है कि वह इस मामले को हल करवाने में विफल रहे हैं। राज्य में अमन व शांति के मुद्दे पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार कोई समझौता करने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में किसानों का 2-2 लाख का कर्जा माफ किया। पंजाब की नकल करते हुए भाजपा की राजस्थान, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में किसानों का 1-1 लाख रुपए का कर्जा माफ किया।