लेकिन महज जो  40 दिनों में  हुआ है, उससे लगता नहीं है ऐसा कुछ होने जा रहा है बल्कि लग रहा है कि इतनी ही तेजी से प्रवीण तोगड़िया का संगठन ने पांव फैला रहा है  जो 2019 के चुनाव भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकता हैं| सूत्रों की माने तो संघ के कार्यकर्ता भी तोगड़िया के साथ खड़े होने शुरू हो गये है इतना ही नही देश के कई नेता प्रवीन तोगड़िया से सम्पर्क करने लगे है ? राष्टवादी संगठन एवं हिंदूवादी संगठन के लोग प्रवीन भाई तोगड़िया के साथ खड़े होने लगे है |
सवाल उठने लगे थे की क्या तोगड़िया  इतना बड़ा ढांचा पूरे देशभर में सभी वर्गों के बीच संघ की तरज पर खडा कर पाएंगे | 24 जून, 2018 को दिल्ली में प्रवीण तोगड़िया ने जब अपने नए रास्ते का ऐलान किया था, तो लोगों को उनसे आशाएं ज्यादा मगर उम्मीदें कम थी | लेकिन प्रवीण भाई तोगड़िया ने सबकी सोच को गलत साबित ही नही मगर उम्मीदों को भी जगा दिया  है |  जिस गति के साथ देश में ही नही बल्कि  अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के प्रचारक एशिया के कई देशों के लिए निकल कर  एक साथ कई फ्रंट पर काम कर रहे है | उससे भाजपा सहित अन्य दलों को एक बार सोचने में जरुर मजबूर कर दिया है  सूत्रों की माने तो उत्तर भारत के कई राज्यों में उनके 7-8 संगठनों की कार्यकारिणी ही घोषित नहीं हो चुकीं, बल्कि त्रिशूल दीक्षा जैसे कार्यक्रम भी शुरू हो चुके हैं देश की राजधानी  दिल्ली में भी 12 अगस्त को कार्यक्रम रखा गया है, उनका संगठन ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद’ और उसके सहयोगी संगठन ने कई बातों में संघ से अलग ही लाइन खिंची नजर आरही है | देखना यह है की जिस तीव्रता से अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद का संगठन भारत को छोड़ एशिया के कई प्रान्तों में अपनी जड़े फैला रहा है इसके दूरगामी क्या परिणाम होगे यह कहना कठिन होगा मगर भविष्य में संघ व भाजपा के लिए सोचने का विषय तोगड़िया ने जरुर खड़ा कर दिया है |