साल गुजरता रहा, खून बहता रहा, आबरू लुटती रही, 11 माह में 98 कत्ल, 227 बलात्कार, 322 अपहरण, अपराध का ग्राफ बीते वर्ष की तुलना बढा ज्यादा

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की देवभूमि में भी महानगरों की तर्ज पर साल दर साल  आपराधिक वारदातें बढने लगी है । हत्या, बलात्कार, अपहरण व चोरी के मामलों में पुलिस प्रशासन वर्ष 2017 में भी विराम नही लगा सका है । शांत देवभूमि में वर्ष 2017 में भी साल भर खून बहता रहा  और आबरू लुटती रही। प्रदेश को  जहां  कोटखाई गुडिय़ा प्रकरण ने झकझोर कर रख दिया वहीं प्रदेश में हर तीसरे दिन हत्या व हर दूसरे दिन महिलाआें का अपहरण व बलात्कार की घटनाएं पेश आती रही। साल 2017 के 11 माह में 98 कत्ल, 227 बलात्कार, 322 अपहरण, 500 चोरी व 3 डकैती की घटना पेश आई । कहने को तो इस पहाड़ी प्रदेश में जुर्म का ज्वालामुखी यदा-कदा ही फूटता रहा है  लेकिन वर्ष 2017 में पुलिस रिकार्ड में दर्ज आंकड़ो पर नजर दौड़ाई जाए तो आपराधिक वारदातों में पिछले वर्ष की तुलना  2 फीसदी की बढौतरी हुई है । वर्ष 2016 की तरह वर्ष 2017 में भी आपराधिक वारदातों में कांगड़ा नंबर वन रहा, मंडी दूसरे स्थान पर, शिमला तीसरे स्थान पर,रहा ।  वर्ष 2017 के 11 माह में पूरे हिमाचल में कत्ल के 98 मामले दर्ज किए गए । देवभूमि में खून की कालिख पोथने में इस बार भी कांगड़ा नंबर वन रहा। जबकि शिमला दूसरे स्थान पर रहा । कांगड़ा में 20, शिमला में 16, सहित बीबीएन में 7, बिलासपुर 4, चंबा में 4,  किन्नौर में 4, कुल्लू में 8, मंडी में 11, सिरमौर में 7, सोलन में 5, उना में 12 मामले पेश आए।  प्रदेश में लाहौल स्पिीति व हमीरपुर दो ऐसे जिला है जहा  पर साल भर में एक भी कत्ल नहीं हुआ । बात अगर बीते वर्ष 2016 के 10 माह में हुए कत्ल की की जाए तो बीते वर्ष इस दौरान प्रदेष में 87 कत्ल के मामले पेश आए थे। जबकि इस वर्ष बीते वर्ष की तुलना 11 कत्ल  के मामले अधिक है। यही नहीं शांत कहे जाने वाले प्रदेश में डकैति और लूटपाट की घटनाएं भी दस्तक देने लगी है । चालू वर्ष के 11 माह में 3 डकैति की घटनाएं भी पेश आई है जबकि बीते वर्ष की तुलना लूटपाट की घटनाआें  में वृद्घि नहीं हुई है ।  यही नहीं भोले भाले हिमाचल में बलात्कार की घटनाएं भी कम नहीं हुई है । 11 माह में 227 महिलाआें की इज्जत को लूटा गया । महिलाआें की आबरू लूटने में कांगड़ा  नंबर वन और मंडी दूसरे स्थान पर है । इसके अलावा प्रदेश के हर जिले में बलात्कार की घटनाएं पेश आई है । महिलाओं के साथ बलात्कार के आंकड़ों पर गौर करे तो वर्ष 2016 की तुलना चालू वर्ष में तीन मामलों में वृद्धि हुई है । प्रदेश भर में 322 अपहरण की घटनाएं भी पेश आई है। साल भर शातिर चोरों ने पुलिस को  खूब दौड़ा कर रखा। राज्य में 500 चोरी की घटनाआें को अंजाम दिया गया । महिलाआें पर अत्याचार की बात करे तो प्रदेश भर में  181 महिलाआें के साथ अत्याचार की घटना पुलिस में दर्ज की  गई है । प्रदेश में वर्ष 2017 में भी दहेज को लेकर हत्या करने की वारदातों में कमी नहीं आई  है । राज्य में 11 माह के अंदर बद्दी, सोलन, व मंडी में 1-1 दहेज हत्या का मामला भी सामने आया है। प्रदेश में 2017 में इन वारदातों में हुई बढौतरी प्रदेश में वर्ष 2017 के 11 माह में बीते वर्ष की  तुलना कत्ल, बलात्कार व अपहरण के मामलों में बढौतरी हुई है। बीते वर्ष जहां  प्रदेश में कत्ल की 11 माह में 87 ही वारदातें पेश आई थी इस वर्ष 11 माह में 98 कत्ल की वारदातें पेश आ चुकी है । पुलिस ने बीते वर्ष की तुलना में इस साल चरस तस्करों को खूब सबक सिखाया। बीते वर्ष जहंा 804 मामले दर्ज किए गए थे वही इस वर्ष 927 मामले दर्ज किए गए है ।

प्रदेश को गुडिय़ा कांड ने झकझोर कर रख दिया

कोटखाई में 4 जुलाई को हुए गुडिय़ा गैंगरेप व मर्डर मामले के प्रकरण में प्रदेश को झकझोर कर रख दिया । गुडिय़ा प्रकरण की गूंज राज्य भर में साल भर गूंजती रही । इस प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली को  भी कटघरे में खड़ा कर पुलिस के अफसरों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

वर्ष 2017 में खाकी वर्दी भी हुई दागदार

हिमाचल पुलिस के लिए वर्ष 2017 ठीक नहीं रहा । कोटखाई गुडिय़ा प्रकरण ने खाकी की साख पर बट्टा लगा दिया । गुडिय़ा प्रकरण ने जहा  खाकी वर्दी को दागदार कर दिया वहीं मंडी में भी मादक पदार्थ की तस्करी मामले में बाहरी राज्य के व्यक्ति को झूठे मुकद्में में फंसाने में भी खाकी वर्दी फिर दागदार हुई है । कोटखाई गुडिय़ा प्रकरण में पुलिस के आइजी, एसपी, डीएसपी सहित 9 कर्मचारी अभी भी सलाखों  के पीछे बंद है । वहीं मंडी मादक पदार्थ की तस्करी मामले में 4 पुलिस कर्मियों पर भी सीबीआई में मामले दर्ज किए गए है ।

मंडी होशियार सिंह कांड भी रहा सुर्खियों में

प्रदेश में वर्ष 2017 में कोटखाई गुडिय़ा प्रकरण की तरह मंडी में वनरक्षक होशियार सिंह की मौत का मामला  भी र्सुखीयों में रहा । गुडिय़ा प्रकरण व होशियार सिंह प्रकरण ने पुलिस की चूल्हें तक हिला डाली। अभी तक ये दोनों  ही मामले अनसुलझे है भले ही इन मामलों की जांच देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई में चल रही है ।

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