शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे पर अभी भी संशय बना हुआ है। वीरवार को दिल्ली से भाजपा के जीते हुए विधायकों की राय लेने के लिए पर्यवेक्षक आए थे। लेकिन धूमल व जयराम के समर्थकों ने शिमला के पीटरहॉफ में पर्यवेक्षक के समक्ष नारेबाजी की। इसके बाद शुक्रवार को दोबारा से पर्यवेक्षक ने विधायकों से मुख्यमंत्री बनाने को लेकर चर्चा करना चाही लेकिन पर्यवेक्षक की गाडी जैसे ही पीटरहॉफ गेट पर पहुंची दोनों समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद शांता कुमार ने दोनों समर्थकों को शांत किया। उन्होंने कहा कि नारेबाजी करना गलत बात है। शांता ने कहा कि यदि में अध्यक्ष होता तो नारेबाजी करने वालों को अनुशासनहीनता के तहत पार्टी से बाहर कर देता। शांता जिस वक्त पीटरहॉफ पहुंचे तो वहां नारेबाजी कर रहे धूमल.जयराम के समर्थकों ने पर्यवेक्षकों को घेर रखा था। इससे पहले ऐसी ही नारेबाजी बीते कल भी हो चुकी है। शांता इस सबको लेकर बेहद खफा हैं। बहरहाल पर्यवेक्षकों के साथ बैठक के बाद शांता कुमार ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अपनी राय दे दी है, अब जो भी फैसला होगा वो केंद्रीय हाईकमान तय करेगा। शांता कुमार ने जयराम के समर्थन में संकेत देते हुए कहा कि सीएम को लेकर जनता ने अपना फैसला दे दिया है। जनता का रुझान किस तरफ है वह भी पता चल चुका है।