ठियोग। कांग्रेस प्रत्याशी विद्या स्टोक्स का नामांकन पत्र रद हो गया है। विद्या ने सोमवार को अंतिम वक्त पर बतौर कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल किया था, वहीं कांग्रेस की तरफ से ही दीपक राठौर ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया। मंगलवार को जब नामांकन पत्रों की छंटनी होने लगी तो उसी में विद्या स्टोक्स का नामांकन पत्र रद किया गया। नामांकन के बाद पेंच यहां पर फंसा कि विद्या के पास पार्टी की ओर से अधिकृत पत्र था वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से था न की केंद्रीय चुनाव समिति के इंचार्ज आस्कर फर्नांडीस की तरफ से। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से जो पत्र जारी किया गया था उसमें इस बात का कहीं पर भी उल्लेख नहीं था कि दीपक के स्थान पर पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी विद्या स्टोक्स होगी। बस यहीं पर पेंच फंस गया। आज जब नामांकन पत्रों की छंटनी होने लगी तो उसी में विद्या स्टोक्स का नामांकन पत्र पर सवाल खड़ा हो गया। चुनाव घोषणा के वक्त से ही ठियोग सीट पर कांग्रेस का राजनीतिक ड्रामा चल रहा था।
विद्या ने विजयपाल को किया था आगे, हाईकमान ने टिकट दिया दीपक को
विद्या ने यह सीट वीरभद्र सिंह के लिए छोड़ दी थी, तो उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख भी तय कर दी। बाद में दिल्ली में बने समीकरणों में वीरभद्र आनी सीट पर चले गए और विद्या ने एक बार फिर समर्थकों की मांग पर ठियोग से लड़ने का निर्णय लिया। अगले दिन ही उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्होंने विजयपाल खाटी का नाम आगे कर दिया। लेकिन पार्टी हाईकमान ने खाची के स्थान पर पार्टी ने दीपक राठौर को टिकट दे दी। इससे विद्या खफा हो गई उन्होंने राहुल गांधी से बात कर दीपक राठौर की जगह विजय खाची को टिकट की पैरवी की। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें या तो स्वयं लडने या दीपक राठौर पर सहमति बनाने को कहा। इस पर विद्या ने अंतिम वक्त पर स्वयं मैदान में उतरने का निर्णय लिया। आनन.फानन व अंतिम क्षण में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की ओर से पत्र जारी हुआ और दीपक राठौड़ व विद्या स्टोक्स दोनों ने कांग्रेस की तरफ से नामांकन दाखिल किया।