चौपाल उपमंडल में जनजीवन अस्त-व्यस्त: दर्जनों सड़कें बंद, बस रूट ठप, दो महीने से रसोई गैस आपूर्ति बाधित – जनप्रतिनिधि और प्रशासन दोनों खामोश, लोग बेहाल

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चौपाल,: हिमाचल प्रदेश के चौपाल उपमंडल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। पिछले कुछ समय से क्षेत्र की दर्जनों सड़कें अवरुद्ध हैं, जिससे परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बाधित हो रही है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि चौपाल उपमंडल में पिछले दो महीने से रसोई गैस (एलपीजी) की सुविधा पूरी तरह से ठप पड़ी है, जिससे स्थानीय निवासियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
परिवहन व्यवस्था ठप:
उपमंडल के प्रमुख सड़क मार्ग, जिनमें चौपाल-चौकियां झिकनीपुल, चौपाल से देवता,पुलबहाल-सराह-चौपाल, करगोली नाला देहा,पौरिया-कोटी सराहा, पोरियां-पदराणा, नेरवा से कूपवी बाया देइया, क्यारनू-रांवई-कोटी सराहा, कूपवी-मालत,खिड़की-माटल,मडावग से बमटा, माटल-कफ़रोना, चंबी से झीना, लिगजार-कराई, दोची-कान्हा-कूपवी और कोटी-गोरली-मड़ावग,कूपवी_ कनाह, हरिपुरधार- बाग,हरिपुरधार,कुलग,कूपवी से थूनदल से ठंडाई,नौरा से कुलग,शीला से रावत,ककराधार से थुंदल बालघार से देहा, देहा खिड़की चंबी शामिल हैं ।
लगातार भूस्खलन और मलबा गिरने के कारण बंद पड़े हैं। इन सड़कों के बंद होने से दर्जनों बस रूट प्रभावित हुए हैं, जिससे स्थानीय लोगों,खासकर छात्रों और नौकरीपेशा व्यक्तियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से पूरी तरह कट गया है।

रसोई गैस की किल्लत:
सड़कों की खराब स्थिति का सीधा असर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर पड़ रहा है। सबसे गंभीर समस्या रसोई गैस की है, जिसकी आपूर्ति पिछले दो महीनों से पूरी तरह ठप है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें मजबूरन लकड़ी और अन्य पारंपरिक ईंधन पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
नेताओं की खामोशी और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल:
चौपाल की इस दुर्दशा के बीच, स्थानीय नेता पूरी तरह से खामोश नजर आ रहे हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) से लेकर अन्य सभी प्रशासनिक व्यवस्थाएं पूरी तरह से सुप्त मोड पर हैं, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आखिर चौपाल के लोगों का दर्द कौन और कब समझेगा? क्या चौपाल की जनता को अपने महंगे नेताओं का यह ‘शौक’ भारी पड़ रहा है, जो संकट की इस घड़ी में भी जनता के बीच नहीं हैं? कई लोगों का मानना है कि फिलहाल चौपाल से मजबूत ‘मास लीडरशिप’ (जन-नेतृत्व) का अंत हो गया है, क्योंकि जनता की आवाज उठाने वाला कोई मजबूत चेहरा सामने नहीं आ रहा है। प्रशासन की ओर से अभी तक इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे लोगों में भारी रोष है।
स्थानीय लोगों की अपील:
स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़कों को खोलने और रसोई गैस की आपूर्ति बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वे इस विकट परिस्थिति का संज्ञान लें और चौपाल उपमंडल में जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करें।
यह मसौदा अब अधिक व्यापक और आपके द्वारा दिए गए सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को समेटे हुए है। क्या आप इसमें कुछ और जोड़ना चाहेंगे या कोई और बदलाव चाहते हैं?

बयान
अधिशासी अभियंता लोकनिर्माण विभाग चौपाल द्वारा इस लाइव स्ट्रीम को लेकर ब्यान आया है कि बाधित सड़को के लिए टेंडर प्रक्रिया चली हुई है सड़को को दुरुस्त करने के लिए समय लगेगा फिलहाल छोटी गाड़ियों के लिए सड़के बहाल किए जा रहे है।

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