आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
कार्बन क्रेडिट के दावे को ठोस तरीके से पेश कर हिमाचल सरकार अपनी आमदनी बढ़ाएगी। क्रेडिट बाजार के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने और राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने की संभावना तलाशने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 10 सदस्यीय कार्बन क्रेडिट समिति गठित की है। यह समिति अतिरिक्त मुख्य सचिव वन केके पंत की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें कमेटी के सदस्य बागवानी, पशुपालन, कृषि, ऊर्जा, परिवहन, शहरी विकास, ऊर्जा निदेशक, ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक, हिमाचल सदन के ओएसडी सुशील कुमार और अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल प्रशासनिक सचिव होंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि यह समिति मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजारों का आकलन करेगी, जिससे प्रदेश में क्षेत्र विशेष में कार्बन बाजार विकसित करने के लिए अध्ययन किया जा सके। इस कमेटी की बैठक महीने में कम से कम एक बार होगी।
संभावित कार्बन क्रेडिट परियोजनाओं की पहचान होगी
इस पहल का उद्देश्य कार्बन क्रेडिट परियोजनाओं की पहचान, विकास और क्रियान्वयन में राज्य सरकार के कर्मचारियों की क्षमता को बढ़ाना है। समिति विभिन्न सरकारी विभागों के सहयोग से संभावित कार्बन क्रेडिट परियोजनाओं की पहचान का कार्य भी करेगी। कार्बन क्रेडिट के लिए राज्य जलवायु नीति और संबंधित ढांचे को तैयार करने में सहयोग करेगी। विभागों को कार्बन क्रेडिट सुरक्षित करने के लिए परियोजनाएं तैयार करने में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ समिति की ओर से परियोजना डेवलपर्स, सलाहकारों, खरीदारों व व्यापारियों को परियोजनाएं विकसित करने में सहयोग किया जाएगा। इसके अलावा यह भारतीय कार्बन बाजार और अंतरराष्ट्रीय कार्बन मानकों के प्रशासकों के साथ निरंतर संवाद भी सुनिश्चित करेगी। सुक्खू ने कहा कि यह समिति राज्य के कार्बन क्रेडिट्स के लाभों को अधिकतम करने के लिए नई और मौजूदा योजनाओं व कार्यक्रमों को दोबारा संगठित करने के लिए सिफारिशें भी देगी।
एक कार्बन क्रेडिट एक मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर
एक कार्बन क्रेडिट का आकलन एक मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर किया जाता है। किसी कंपनी के कार्बन क्रेडिट खरीदने का मतलब यह होता है कि वायुमंडल में एक मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करने का अधिकार खरीद दर ही है। खुले बाजार से कार्बन क्रेडिट खरीदा जा सकता है या फिर उत्सर्जन को घटाने वाले प्रोजेक्ट में निवेश करके भी इसे हासिल कर सकते हैं। कार्बन क्रेडिट को बेचने से मिलने वाले फंड का उपयोग ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में किया जाता है।