आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
हिमाचल प्रदेश में लोग अब सस्ते राशन के डिपुओं से मोटे अनाज से बने पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी खरीद सकेंगे। बच्चों में विटामिन की कमी के चलते सरकार ने डिपुओं में ऐसे खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है। इसे लेकर खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग स्टार्टअप हिमाचल बाजार के साथ एमओयू साइन कर रहा है।
पौष्टिक पदार्थ मोटे अनाज (मिलेट्स) से तैयार होंगे। इनमें बच्चों के लिए बिस्कुट, दलिया के अलावा वनस्पति तेल, ब्राउन राइस, ओट्स, बिना प्रोसेस किए भुट्टे के दाने आदि शामिल हैं। पहले चरण में हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा में पायलट तौर पर प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। योजना सिरे चढ़ने के बाद इसे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा। प्रदेश के डिपुओं में पहली बार इस तरह की योजना शुरू की जा रही है।
इससे पहले डिपो में चाय, मसाले और साबुन आदि भी बाजार से सस्ते दाम पर उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार का मानना है कि खाद्य पदार्थों में प्रोटीन, विटामिन, खनिज और फाइबर की भरपूर मात्रा होगी। इससे लोगों का शरीर स्वस्थ रहेगा। डिपुओं में राशन लेने वाले उपभोक्ता इन वस्तुओं की डिमांड कर रहे हैं। विभाग को भी उपभोक्ता समय-समय पर सूचित करते रहे हैं।
ऐसे में इस मामले को सरकार के ध्यान लाया गया है। अब विभाग योजना को सिरे चढ़ाने में लगा है। हिमाचल में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को डिपो में तीन दालें, दो लीटर तेल, चीनी और नमक दिया जा रहा है। आटा और चावल केंद्र सरकार उपलब्ध करा रही है। डिपुओं में पौष्टिक खाद्य वस्तुएं बाजार मूल्य की अपेक्षा कम दामों में उपलब्ध कराई जाएंगी। स्टार्टअप हिमाचल बाजार से बात हो चुकी है और दो दिन के भीतर एमओयू साइन होना है।