न्यू डिवेलपमेंट बैंक ने माना हिमाचल का प्रस्ताव, दिल्ली में अधिकारियों के साथ बैठक
आवाज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला
शिमला रोप-वे बनाने के लिए न्यू डिवेलपमेंट बैंक से एडवांस टेंडर लगाने को मंजूरी हासिल हो गई है। रोप-वे कारपोरेशन ने इस पर शुरुआती औपचारिकताओं को तेजी के साथ पूरा किया है। लिहाजा उसने एडवांस टेंडर करने की मंजूरी मांगी थी, जो उसे मिल गई है। सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों व न्यू डिवलपमेंट बैंक के अधिकारियों के साथ हिमाचल रोप-वे कारपोरेशन के अफसरों ने बैठक की, जहां पर इस टेंडर को एडवांस में लगाने की मंजूरी मिल गई है। वैसे यह टेंडर की प्रक्रिया अगले साल मार्च महीने तक होना था, लेकिन इसे इसी महीने से शुरू किया जा रहा है। शिमला में बनने वाले रोप-वे की लागत 1734 करोड़ रुपए की है, जिसमें 90 फीसदी राशि न्यू डिवेलपमेंट बैंक से मिलेगी और केंद्र सरकार का भी इसमें हिस्सा होगा।
न्यू डिवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के साथ इसकी दूसरी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और वर्ष 2026 तक रोप-वे को यहां स्थापित कर चालू करने की योजना है। इस रोप-वे की लंबाई 13.79 किलोमीटर की होगी और इसमें करीब 16 स्टेशन बनाए जाने हैं। इन स्टेशनों पर यात्री उतर व चढ़ सकते हैं और इसमें कैबिन भी 200 से ज्यादा बनाए जाएंगे। यात्रियों का टिकट बाद में निर्धारित होगा। माना जा रहा है कि अगले दो महीने में टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करके दिसंबर तक टेंडर अलॉट कर दिया जाएगा, ताकि जनवरी से इस पर काम शुरू हो जाए। शिमला में रोप-वे शोघी के पास से शुरू होगा और शिमला शहर में 16 प्वाइंट्स पर चलेगा।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि शिमला रोप-वे के निर्माण का रास्ता प्रशस्त हुआ है। 13.79 किलोमीटर दूरी वाला यह विश्व का दूसरा और भारत का पहला सबसे लंबा रोप-वे होगा। शुरुआत में 220 ट्राली होंगी, जो परियोजना के पूरा होने पर 660 तक की संख्या में होंगी। रोप-वे मार्ग में दोनों तरफ से 2000 लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे। रोप-वे में तारादेवी, चक्कर कोर्ट परिसर, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास बोर्डिंग स्टेशन बनेंगे।