Apple News: मंडियों में गिरा सेब का दाम, 2200 रुपए में बिक रही पेटी

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2200 रुपए में बिक रही पेटी, पराला मंडी में सेब 150 रुपए किलो

आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला

सेब मंडियों में अब सेब का दाम कम होना शुरू हो गया है। सेब की आमद बढऩे के साथ दामों में भी गिरावट आ गई है। यदि पेटी के हिसाब से सेब दाम की बात करें, तो भट्टाकुफर मंडी में 2200 रुपए तक अधिकतम दाम जा रहा है , जबकि पराला में 2500 रुपए तक पेटी का दाम है। इससे पहले यह दाम तीन हजार से लेकर चार हजार रुपए तक प्रति पेटी मिल रहा था , जिसमें अब गिरावट आ गई है। सेब क्योंकि किलो के हिसाब से बिक रहा है वर्तमान में किलो का दाम देखें, तो भट्टाकुफर मंडी में सेब 110 से लेकर 150 रुपए प्रति किलो तक बेचा जा रहा है, तो वहीं पराला मंडी में 150 से 250 रुपए किलो तक दाम मिल रहा है। यह सेब की क्वालिटी पर निर्भर करता है। वैसे किलो में सेब की बिक्री से बागबानों को भी इस बार राहत की सांस मिली है।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों से आए सेब से गिरे दाम

बागबान सेब को किलो के हिसाब से बेच रहे हैं , लेकिन शुरुआत में अच्छा दाम था और अब दाम कम होने लगा है। यहां बता दें कि मिडल बेल्ट से भी सेब मार्केट में चला हुआ है और अब ऊंचाई वाला सेब भी पहुंचने लगा है। हाइट का सेब आने के बाद यहां पहले से आए सेब का दाम गिरा है। इस बार वैसे सेब कम है और सेब सीजन भी देरी से शुरू हुआ है, लेकिन फिर भी मार्केट में एक करोड़ 11 लाख से ज्यादा सेब की पेटियां पहुंच चुकी हैं।

बाजार में भी 100 से 120 रुपए किलो बिक रहा सेब

मंडियों में सेब की आमद बढऩे से बाजार में भी सेब का दाम कुछ गिरा है, जो सेब दो दिन पहले तक 150 रुपए से 180 रुपए किलो तक बाजार में बिक रहा था वह अब 100 से 120 रुपए में पहुंच गया है। इससे साफ है कि सेब की आमद काफी ज्यादा है, जिससे दामों में गिरावट आई है। बागबानी विभाग की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल सेब कम है और अब जैसे-जैसे सेब की आमद बढ़ रही है वैसे दामों में कमी आ गई है। आने वाले कुछ दिनों में यह दाम और ज्यादा गिरेंगे। शुरुआत में जिन बागबानों ने मंडियों में अपना सेब पहुंचाया, उनको अच्छा दाम मिल गया । अब बागबान आखिर में बाहरी राज्यों की मंडियों को सेब ज्यादा भेजेंगे, ताकि उनको ज्यादा दाम मिल सकें ।

यूनिवर्सल कार्टन सेब बागबानी के लिए सरकार का सही कदम

बागबानों ने एक करोड़ 11 लाख 92 हजार से अधिक पेटी सेब मंडियों में भेजी

यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था प्रदेश में सेब बागबानी के क्षेत्र में बहुआयामी प्रयास है, जिससे बागबानों के उत्पाद की गुणवत्ता की सुरक्षा के साथ उन्हें बेहतर दाम प्राप्त करने में मदद मिल रही है। सरकार के इस कदम से बागबानों को नई दिशा व आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद जगी है। प्रदेश में बागबानों को पैकिंग समाधान की आवश्यकता और सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर दामों की आवश्यकता के तहत यूनिवर्सल कार्टन की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है। पारंपरिक कार्टन के उपयोग से फसलों को नुकसान की शंका व कीमतें गिरने की समस्या से भी निजात मिलेगी। यूनिवर्सल कार्टन से बागबानों को मानकीकृत, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली पैकिंग सुविधा प्राप्त हुई है, जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई व बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इससे जहां बागबानों को सेब की कीमत तय करने का अधिकार मिला है वहीं, बिचौलियों और व्यापारियों की निर्भरता से बागबान का बचाव होगा। यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागबान सीधे अपने उत्पाद की पैकिंग बेहतर रूप से करके अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा इसे लागू करने के लिए बागबानों का समर्थन, कार्टन की उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था के माध्यम से कार्टन का सही उपयोग करने के प्रति जानकारी व जागरूकता प्रदान की गई। इस वर्ष सेब सीजन के दौरान प्रदेश में लगभग एक करोड़ 11 लाख 92 हजार 542 यूनिवर्सल कार्टन से सेब की फसल अभी तक देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाई जा चुकी है।

50 हजार यूनिवर्सल कार्टन मंडियों में भेजे

हिमाचल प्रदेश में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अंतर्गत मंडियों द्वारा तथा समितियों के माध्यम से स्थापित नियंत्रण कक्षों एपीएमसी में मंडियों के बाहर से जाने वाले माल के पंजीकरण के तहत अभी तक शिमला एवं किन्नौर समिति में 71 लाख 48 हजार 757, सोलन से 19 लाख 47 हजार 511, कुल्लू एवं लाहुल-स्पीति कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा 13 लाख 1668 यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से सेब देश की मंडियों में भेजा गया। कांगड़ा विपणन समिति से 5,201, सिरमौर 1312, ऊना समिति द्वारा 918, बिलासपुर 456 तथा हमीरपुर के माध्यम से 1921 व चंबा कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा 30 पेटी यूनिवर्सल कार्टन का कारोबार भी किया गया। एचपीएमसी द्वारा भी लगभग 50 हजार यूनिवर्सल कार्टन प्रदेश की विभिन्न मंडियों में भेजे गए हैं।

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