एनडीआरएफ को हटाया, खोज अभियान में जुटे रहेंगे पुलिस-होमगार्ड कर्मी
आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
बादल फटने की घटना के बाद से शिमला और कुल्लू में सर्च आपरेशन से एनडीआरएफ को फिलहाल हटा लिया गया है। अब पुलिस और होमगार्ड कर्मचारी ही मौके पर मौजूद रहेंगे और इस बात की निगरानी करेंगे कि कोई शव बाहर आता है, तो उसकी जानकारी प्रशासन को दी जा सके। 20 दिन से ज्यादा समय तक चले सर्च आपरेशन के बाद प्रशासन ने यह फैसला लिया है। मंडी में एनडीआरएफ के सर्च आपरेशन को रोकने का फैसला पहले ही कर लिया गया था। अब इसका असर शिमला और कुल्लू में भी देखने को मिलेगा। शिमला में अब तक 20 लोगों के शव इस सर्च आपरेशन के माध्यम से बरामद किए जा चुके हैं। इन शवों की पहचान डीएनए सैंपल की मदद से की गई है और पहचान के बाद इन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है। मौजूदा नियम के मुताबित जिन लोगों के शव बरामद नहीं हो पाए हैं, उनके परिजनों को सात साल तक इंतजार करना होगा, लेकिन भविष्य में राज्य सरकार इस नियम को लेकर बदलाव कर सकती है। इसके संकेत भी आपदा और राहत में जुटे अधिकारियों ने दिए हैं।
हालांकि इस प्रक्रिया को रेस्क्यू आपरेशन को पूरी तरह से खत्म करने के बाद अपनाया जाएगा। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को फिलहाल रोका गया है। एनडीआरएफ की जरूरत दूसरी जगह भी पड़ सकती है। हालांकि इस अभियान को पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है। पुलिस और होमगार्ड के लोग शिमला समेत कुल्लू और मंडी में भी मौजूद हैं। जो शव पानी के बहाव से बाहर आते हैं, उनकी पहचान के बाद उन्हें परिजनों को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि लापता लोगों के मामले में सात साल के प्रावधान को बदलने का अधिकार सरकार के क्षेत्र में आता है, लेकिन भविष्य में इसकी संभावनाएं जरूर देखी जा सकती हैं, ताकि परिजनों को राहत मिल सके।