आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के बाद अब हिमाचल को दूसरा तोहफा नाबार्ड से मिलने वाला है। पीडब्ल्यूडी ने नाबार्ड में पहली मर्तबा ऑनलाइन माध्यम से 35 सडक़ और पुल के प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। इन सडक़ों का निर्माण 300 करोड़ रुपए से होना है। इस मंजूरी में एक पुल का निर्माण प्रस्तावित है, जबकि दो अन्य पुल सडक़ निर्माण के साथ ही तैयार होंगे। नाबार्ड के यह सभी प्रोजेक्ट ग्रामीण इलाकों के लिए हैं। पीडब्ल्यूडी ने नाबार्ड में इस साल के लिए ऑनलाइन माध्यम से 53 सडक़ों की डीपीआर भेजी है। इसमें से 35 को पहले चरण में इसी महीने मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जबकि दूसरे चरण में 18 प्रोजेक्ट दिसंबर से पहले मंजूर हो सकते हैं। 18 प्रोजेक्ट का निर्माण 188 करोड़ रुपए से होना प्रस्तावित है। पीडब्ल्यूडी मंजूरी मिलने के बाद इनकी टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा और करीब एक महीने में सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी। इस साल नाबार्ड से अभी तक पीडब्ल्यूडी को कोई भी प्रोजेक्ट नहीं मिल पाया है। नाबार्ड में पहली मर्तबा ऑनलाइन माध्यम से आवेदन तय किया गया है।
केंद्र ने दी है बड़ी राहत
पहले केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत सडक़ों के निर्माण की समयावधि को बढ़ाने का फैसला किया था। इससे प्रदेश को बड़ी राहत मिली है। पीएमजीएसवाई के पहले और दूसरे चरण में लंबित प्रोजेक्ट मार्च, 2025 तक पूरे किए जा सकते हैं। इन प्रोजेक्टों के साथ ही नाबार्ड में मंजूरी मिलते ही बरसात के बाद सडक़ों का निर्माण शुरू हो जाएगा।
सडक़ निर्माण पर जोर
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि विभाग प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना व नाबार्ड के तहत ग्रामीण सडक़ों के निर्माण और रखरखाव पर जोर दे रहा है। पीएमजीएसवाई की मियाद बढऩे का फैसला ग्रामीण विकास मंत्रालय से हो चुका है व इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। नाबार्ड के प्रोजेक्ट मिलते हैं, तो ग्रामीण क्षेत्र में सडक़ निर्माण की उम्मीद जागृत होगी।