आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सैफ अली खान आज 54 वर्ष के हो गए हैं। सोलह अगस्त, 1970 को दिल्ली में जन्में सैफ अली खान को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनकी मां शर्मिला टैगोर फिल्म इंडस्ट्री की जानी मानी अभिनेत्री रहीं, जबकि पिता नवाब पटौदी क्रिकेटर रहे हैं। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे। सैफ अली खान ने अपनी शिक्षा अमरीका के मशहूर वेनचेस्टर कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने बतौर अभिनेता अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म परपंरा से की। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी यह फिल्म टिकट खिडक़ी पर असफल साबित हुई।
वर्ष 1993 में सैफ अली खान की पहचान और आशिक आवारा जैसी सफल फिल्में प्रदर्शित हुई। हालांकि फिल्म पहचान की सफलता का श्रेय अभिनेता सुनील शेट्टी को अधिक दिया गया। फिल्म आशिक आवारा में निभाए गए चरित्र के लिए सैफ नवोदित अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए। सैफ अली खान के सिने करियर में वर्ष 1994 अहम साबित हुआ। इसी वर्ष उनकी ये दिल्लगी और मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई। दोनों फिल्मों में उनकी जोड़ी अभिनेता अक्षय कुमार के साथ काफी सराही गई। खास तौर पर फिल्म मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी में अक्षय कुमार और सैफ अली खान ने अपनी जोड़ी के जरिए दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। इस फिल्म में उन पर फिल्माया गीत मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। वर्ष 1995 से 1998 तक का वक्त सैफ अली खान के सिने करियर के लिए बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी यार गद्दार, आओ प्यार करें, दिल तेरा दीवाना, बंबई का बाबू, एक था राजा, तू चोर मैं सिपाही, हमेशा, उड़ान, कीमत जैसी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल हो गईं। हालांकि इम्तिहान और सुरक्षा जैसी फिल्मों ने टिकट खिडक़ी पर औसत व्यापार किया, लेकिन इनसे सैफ अली को कुछ खास फायदा नहीं मिला। वर्ष 1999 सैफ अली खान के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी कच्चे धागे, हम साथ साथ हैं जैसी सफल फिल्में प्रदर्शित हुईं। इन फिल्मों में सैफ अली खान के अभिनय के विविध रूप देखने को मिले। फिल्म कच्चे धागे में जहां सैफ अली खान ने संजीदा अभिनय किया, वहीं हम साथ साथ हैं में उन्होंने अपने चुलबुले अंदाज से दर्शकों का दिल जीत लिया।