दुष्कर्म करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर दोषी को 10 साल का साधारण कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है।
आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर दोषी को 10 साल का साधारण कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है। जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करने पर दोषी को दो साल अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा काटनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मशाला अनिल शर्मा, फास्ट ट्रेक पोक्सो कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। पीड़िता की मां ने अपने भाई के साथ 2021 में देहरा थाना पहुंचकर एक शिकायत पत्र पेश किया था। शिकायत में कहा गया कि पीड़िता नाबालिग है व बिना किसी को कुछ कहे घर से चली गई है। हर जगह तलाश करने के बाद भी पीड़िता का कोई पता नहीं चल पाया। पीड़िता का फोन भी बंद आ रहा है। जिसके बाद मामले की जांच थाना के पुलिस इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह और एएसआई संजीव कुमार की ओर से की गई। बाद में जांच पड़ताल के दौरान पीड़िता को पुलिस ने एक किराये के कमरे से बरामद किया।
पीड़िता ने पुलिस में दिए बयान में बताया कि आरोपी उसे 2020 में स्कूल के बाहर मिला था। जहां पर आरोपी व्यक्ति ने पीड़िता को अपना फोन नंबर दिया। आरोपी व्यक्ति बाद में पीड़िता के साथ डेढ़ साल तक बात करता रहा। आरोपी ने पीड़िता को शादी का झांसा दिया और शादी के लिए 28 अप्रैल को घर से बाहर बुलाया। लेकिन इसके बाद आरोपी ने किराये के कमरे में ले जाकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। इस केस में अदालत में 24 गवाहों को पेश किया गया। आरोप सिद्ध होने पर दोषी व्यक्ति को 10 साल की सजा व 10,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है। मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीड़िता को मुआवजा योजना स्कीम के अंतर्गत एक लाख रुपये का मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।