मंडी-पठानकोट हाईवे से सटे पहाड़ों से लगातार गिर रहे पत्थर, हादसों का खतरा
प्रशासन ने अलर्ट जारी कर आसपास रह रहे लोगों और कारोबारियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा
आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
जोगिंद्रनगर (मंडी)। मंडी-पठानकोट हाईवे से सटे पहाड़ों पर पानी का तेज बहाव जोगिंद्रगनगर में त्रासदी का कारण बन सकता है। ऐसी आशंका को लेकर अपरोच रोड से हराबाग तक लोगों में दहशत है। करीब एक किलोमीटर तक पहाड़ी पानी के तेज बहाव से खोखली होती जा रही है। यहां पर लगातार गिर रहे पत्थर और मलबा वाहन चालकों के लिए भी खतरा बना हुआ है।
जोगिंद्रनगर शहर से करीब दो किलोमीटर दूर ब्रिजमंडी और नागचला में पहाड़ी के भीतर से पानी का तेज बहाव इसे खोखला कर रहा है। दलदल हो चुके पहाड़ के कभी भी भरभरा कर गिरने की आशंका ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर आसपास के घरों और हाईवे किनारे के कारोबारियों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट होने के लिए कहा है। राजस्व विभाग की टीम ने भी हालात का जायजा लेकर स्थिति की जांच की है।
पंचागणा गांव के लोगों के अनुसार ऊहल परियोजना की पैन स्टॉक के निर्माण के दौरान फेंका गया मलबा अब भरभराकर हाईवे पर गिरना शुरू हो गया है। पानी का तेज बहाव पहाड़ी से होता हुआ हाईवे पर भी नाले का रूप ले रहा है। एक रिहायशी मकान का डंगा धंस जाने से भवन पर खतरा मंडराया हुआ है। वहीं, ब्रिजमंडी के समीप भी पानी के तेज बहाव से एक भवन मालिक को भी लाखों का नुकसान इस मानसून सीजन में उठाना पड़ा है। ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 2007 से पहाड़ी के भीतर से पानी का रिसाव शुरू हुआ था। जो इस बार बढ़ गया है।
हारगुनैण पंचायत के उपप्रधान सन्नी बिष्ठ ने बताया कि स्थानीय प्रशासन से अर्ली वार्निंग सिस्टम के सेंसर लगाने की मांग की जाएगी। उधर, तहसीलदार डॉ. मुकुल शर्मा ने बताया कि राजस्व विभाग की टीम ने हालात का जायजा लिया है और जिला प्रशासन को भी मौके की स्थिति से अवगत करवाया गया है। वहीं, एनएचएआई के साइट इंजीनियर साहिल जोशी ने बताया कि एहतियातन जेसीबी मशीनरी की तैनाती कर दी गई है। चेतावनी बोर्ड भी जल्द स्थापित कर दिए जाएंगे।