मंडी के कालेजों में हर साल घट रही एडमिशन, टेक्रिकल की ओर रुझान

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इस साल सिर्फ 814 दाखिले, जमा दो की पढ़ाई के बाद अधिकांश छात्र जा रहे बाहरी राज्यों की ओर कर रहे पलायन

आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला

राजकीय वल्लभ कालेज मंडी में छात्रों की संख्या बढऩे की बजाए हर वर्ष कम होती जा रही है। ऐसे में कालेज प्रबंधकों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें कालेज की सीटें भरना आए दिन मुश्किल होता जा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत आट्र्स संकाय में कालेजों को झेलनी पड़ रही है। मंडी कालेज की बात करें, तो यहां गत वर्ष फस्र्ट ईयर में 1346 एडमिशन हुई थी, जबकि इस वर्ष मात्र 814 ही एडमिशन हुई है। मतलब गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 532 एडमिशन कम हुई है। मंडी कालेज में वर्ष 2024-25 के दौरान बीए में कुल 2601 एडमिशन हुई हंै। इसमें 948 छात्र और 1653 छात्राएं शामिल है। बीए प्रथम में 814, बीए द्वितीय में 902 और बीए तृतीय में 885 विद्यार्थियों ने एडमिशन ली है। जबकि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में बीए में 1346, बीए द्वितीय में 1284 और बीए तृतीय में 760 विद्यार्थियों ने एडमिशन ली थी। लेकिन इस वर्ष मंडी कालेज में गत वर्ष के मुकाबले 789 कम विद्यार्थियों ने एडमिशन ली है। जोकि चिंतनीय विषय है। ऐसी ही हालत बीकॉम संकाय में हो चुकी है।

कॉमर्स पढऩे में भी विद्यार्थियों का रुझान घटा है। इस वर्ष बीकॉम संकाय में कुल 408 एडमिशन हुई है। इसमें 209 छात्र और 199 छात्राएं शामिल है। बीकॉम प्रथम में 155, बीकॉम द्वितीय में 126 और बीकॉम तृतीय में 127 विद्यार्थियों की एडमिशन हो चुकी है। अगर बात गत वर्ष शैक्षणिक सत्र 2023-24 की करें, तो बीकॉम में कुल 514 एडमिशन हुई थी। इसमें बीकॉम प्रथम में 220, बीकॉम द्वितीय में 159 और बीकॉम तृतीय में 135 विद्यार्थियों की एडमिशन पिछले वर्ष हुई थी। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बीकॉम में 106 एडमिशन कम हुई है। जमा दो की पढ़ाई के पश्चात अधिकांश विद्यार्थी बदलते परिवेश के साथ ट्रैनिंग करने को तवज्जो दे रहे हैं। जिसके चलते निरंतर कॉलेजों में एडमिशन का दौर कम होता जा रहा है। मंडी कालेज में सांईस सकांय में भी गत वर्ष के मुकाबले करीब 383 एडमिशन कम हुई है। इस बार बीएससी नॉन मेडिकल प्रथम में 172, बीएससी नॉन मेडिकल द्धितीय में 155, बीएससी नॉन मेडिकल तृतीय में 207, बीएससी मेडिकल प्रथम में 179, बीएससी मेेडिकल द्वितीय में 139 और बीएससी तृतीय में 151 छात्र-छात्राओंं ने एडमिशन ली है। वहीं शिक्षा सत्र 2023-24 के दौरान बीएससी नॉन मेडिकल प्रथम में 286, बीएससी नॉन मेडिकल द्वितीय में 286, बीएससी नॉन मेडिकल तृतीय में 185, बीएससी मेडिकल प्रथम में 258, बीएससी मेेडिकल द्वितीय में 245 और बीएससी तृतीय में 126 छात्र-छात्राओंं ने एडमिशन मंडी कालेज में ली थी।

नए कालेज खुलना भी कारण
जिला के अन्य क्षेत्रों में नए-नए कालेज खुल गए हैं। जिस कारण भी छात्रों की संख्या में कमी आई है। विद्यार्थी जमा दो की पढ़ाई के बाद अपने नजदीकी कालेज में एडमिशन ले रहे हैं। वहीं कालेजों में छात्रों की कम संख्या डाक्टर व इंजीनियर बनाने की होड़ भी इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है। क्या कहती हैं प्राचार्या राजकीय वल्लभ कालेज मंडी का प्राचार्या सुरीना शर्मा का कहना है कि इस बार फस्र्ट ईयर में छात्रों की संख्या में कुछ प्रतिशत गिरावट आई है। कालेज में लड़कियों के मुकाबलें लडक़े कम एडमिशन ले रहे हैं। क्योंकि अधिकांश छात्र जमा दो की पढ़ाई के बाद टैक्रीकल एजुकेशन की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंडी कालेज में बच्चों को गुणात्मक शिक्षा दी जाती है। जिसके चलते बच्चे आज अच्छी मुकाम पर पहुंच रहे हैं।

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