आवाज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला
हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बीच इंटर स्टेट बस रूट विवाद अभी भी कायम है। सोमवार को पंजाब और हिमाचल के अधिकारियों के बीच शिमला में महत्त्वपूर्ण बैठक हुई मगर इसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया। सूत्रों के अनुसार दोनों राज्यों में एक संयुक्त कमेटी के गठन की सहमति बनी है, जो बस रूटों की समीक्षा करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर दोनों राज्य अपने अंतरराज्यीय समझौते की समीक्षा करेंगे और नए सिरे से समझौता किया जाएगा। सोमवार को शिमला में जो बैठक हुई उसमें पंजाब की ओर से वहां के परिवहन सचिव व परिवहन आयुक्त मौजूद थे वहीं हिमाचल की ओर से प्रधान सचिव परिवहन, परिवहन निदेशक व परिवहन निगम के एमडी मौजूद रहे। होटल होलीडे होम में हुई बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने अपने अपने तर्क दिए।
पंजाब से आए परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अंतरराज्यीय रूटों पर बस चलाने को लेकर हिमाचल सरकार के साथ जो समझौता हुआ है उसके अनुसार पांच हजार किलोमीटर तक साल में बस परमिट जारी होने की शर्त है, लेकिन पंजाब में हिमाचल की ओर से ज्यादा बसें चल रही हैं जो कि नियमों का उल्लंघन है। पंजाब का आरोप है कि हिमाचल तय किलोमीटर पर ज्यादा बसें चला रहा है। इसमें एचआरटीसी की बसों के अलावा निजी बसों की भी संख्या काफी ज्यादा है, जो खासकर पंजाब के साथ सटे क्षेत्रों से चलती हैं। बैठक में हिमाचल के अधिकारियों ने इस आरोप को पूरी तरह से नकार दिया। समझौते के अनुसार ही बसों को चलाया जा रहा है और पंजाब की बसें हिमाचल में ज्यादा चल रही हैं, जिनकी समीक्षा भी जरूरी है। प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, निदेशक परिवहन डीसी नेगी सहित एचआरटीसी के भी कई अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे।
एक-दूसरे से सांझा करेंगे डाटा
दोनों तरफ से तर्क वितर्क के बाद निर्णय लिया गया कि दोनों राज्यों की एक संयुक्त कमेटी गठित की जाएगी। जो सभी तथ्यों को वेरिफाई करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। बैठक में निणर्य लिया गया कि दोनों ही राज्यों के परिवहन विभाग के अधिकारी अपने डाटा को एक-दूसरे के साथ सांझा करेंगे और कमेटी के समक्ष रखेंगे, ताकि इसे वेरिफाई किया जा सके। अभी इसको लेकर विभाग के पास कोई ऑनलाइन डाटा नहीं है। पंजाब के साथ हिमाचल का रेसिप्रोकन ट्रांसपोर्ट एग्रीमेंट है। इसके तहत इंटर स्टेट बस रूट परमिट जारी किए जाते हैं। हर साल यह रूट परमिट दिए जाते हैं। एग्रीमेंट के तहत पंजाब की सडक़ों पर हिमाचल की बसों को 5000 किलोमीटर तक सफर करने की ही अनुमति है।
हिमाचल और पंजाब दोनों राज्यों की सीमा पर चल रही निजी बसें
हिमाचल और पंजाब की सीमा पर निजी बसें भी चल रही है। पिछले कुछ समय में काफी ज्यादा रूट परमिट दिए गए हैं। पंजाब ने ऊना व कांगड़ा जिला के साथ लगते क्षेत्रों में इस तरह का उल्लंघन पाया है। पठानकोट के लिए भी निजी बस सेवाएं चलती हैं वहीं एचआरटीसी की बसें भी हैं। ऊना के गगरेट से होशियारपुर लगता है जहां पर भी ऐसे मामले सामने आए हैं। रूट परमिट का पैसा हिमाचल का परिवहन विभाग पंजाब के परिवहन विभाग को देता है। इसी तरह से पंजाब की हिमाचल में आने वाली बसों पर भी रूट परमिट की राशि ली जाती है। अब दोनों राज्यों के अफसरों के बीच बातचीत हो गई है और देखना होगा कि कब तक यह विवाद खत्म होता है।