हिमाचल में पूर्व जयराम सरकार के समय तीन विधानसभा क्षेत्रों में बने अटल आदर्श विद्यालय परिसरों को निजी क्षेत्र में देने के लिए राज्य सचिवालय में एक अहम बैठक हुई। यह बैठक निजी क्षेत्र के संस्थानों के साथ टेंडर जारी करने से पहले शर्तें तय करने के लिए बुलाई गई थी। बैठक शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से आयोजित थी, लेकिन चर्चा के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी इसका हिस्सा बने।
राज्य सरकार द्वारा निजी क्षेत्र को ये कैंपस देने के आइडिया को भी इसमें बल मिला, क्योंकि काफी नामी संस्थान इन स्कूलों को लेने के लिए आगे आए हैं। इस बैठक में पीरामल फाउंडेशन, भारती फाऊंडेशन, संपर्क फाउंडेशन, प्रथम, अविष्कार के अलावा विद्यापीठ शिमला, डीएवी दिल्ली, हिम अकादमी हमीरपुर और अभिलाषी इंस्टीट्यूट नेरचौक जैसे संस्थानों ने भी इच्छा जताई है। राज्य सरकार की ओर से शिक्षा सचिव ने तीन स्थानों पर बने स्कूल कैंपस निजी क्षेत्र को ऑफर करने का विचार साझा किया और इन निजी संस्थाओं ने शिक्षा विभाग से इसके बदले की शर्तें पूछी हैं। चर्चा के दौरान आए आइडिया के आधार पर अब शिक्षा विभाग रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल यानी आरएफपी जारी करेगा।
यह सरकारी परिसर लीज पर निजी क्षेत्र को दिए जा सकते हैं। इन संस्थानों में एडमिशन के लिए हिमाचल का कोटा तय हो सकता है। चर्चा में आए विचारों के आधार पर अब ये शर्तें तय होंगी। गौरतलब है की मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के मढ़ी में अटल आदर्श विद्यालय कैंपस बनकर तैयार है। ऊना जिला के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के बंगाणा और मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र में भी इस तरह का कैंपस बन रहे हैं, जो कंप्लीट होने वाले हैं। राज्य का शिक्षा विभाग इन परिसरों को खुद चलाने में असमर्थ दिख रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह इन स्कूलों के आसपास एडमिशन के लिए इतने बच्चे ही नहीं हैं। इसलिए रेजिडेंशियल स्कूल में बाहर से भी बच्चे लाने होंगे। किसी सरकारी योजना के तहत बने भवनों को निजी क्षेत्र में देने का विभाग में यह पहला प्रयोग है।