दो साल में धरातल मंजिल भी तैयार नहीं, भू-स्खलन का सता रहा खतरा, 700 गाडिय़ों को मिलनी है जगह
शिमला
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में मंजूर आईजीएमसी की पार्किंग का निर्माण फंस गया है। पार्किंग निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी ने दो साल का समय तय किया था और दिसंबर 2024 तक इस पार्किंग को पूरा किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन अभी तक न्यू ओपीडी ब्लॉक के आपातकालीन कक्ष के ठीक सामने बन रही इस पार्किंग की धरातल मंजिल भी तैयार नहीं हो पाई है। पिछले दो साल से पार्किंग निर्माण का काम यहां चल रहा है। पार्किंग का निर्माण पूरा होने के बाद यहां करीब 700 वाहनों को खड़ा करने लायक जगह उपलब्ध होगी। खास बात यह है कि पार्किंग की आखिरी मंजिल आईजीएमसी और सर्कुलर रोड तक आएगी। पार्किंग में दोनों तरफ से वाहन प्रवेश कर पाएंगे।
स्मार्ट सिटी के तहत मंजूर किए गए इस प्रोजेक्ट पर 45 करोड़ 34 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन काम में देरी की वजह से लोगों के लिए यह निर्माण मुश्किलें भी पैदा कर रहा है। दरअसल, पार्किंग के लिए नाले में खुदाई की गई है। इससे यहां तीन तरफ से भू-स्खलन की संभावना बन गई है। खुदाई के दौरान लगातार मलबा गिरने की वजह से काम प्रभावित होता रहा है। आईजीएमसी को संजौली और लक्कड़ बाजार से जोडऩे वाले मार्ग के भी भू-स्खलन की चपेट में आने की संभावना बनी हुई है। आईजीएमसी के ठीक पास से बहने वाले नाले को पार्किंग में अंडरग्राउंड करने की तैयारी की गई है। यह पार्किंग के ठीक नीचे से बहता रहेगा। पहाड़ की कटिंग के साथ ही भूतल का एक हिस्सा तैयार किया गया है, जबकि दूसरे हिस्से के लिए सामने की पहाड़ी को खोदने की तैयारी चल रही है। पार्किंग का निर्माण पूरा होने में दो साल का वक्त लगने की संभावनाएं हैं।
मलबा ठिकाने लगाने को नहीं मिल रही जगह
पहाड़ की कटिंग से निकलने वाले मलबे को ठिकाने लगाने में निर्माता कंपनी को मुश्किलें पेश आ रही हैं। खुदाई के काम से निकलने वाले मलबे को कंपनी यहां-वहां ठिकाने लगा रही है। भू-स्खलन के बाद पार्किंग स्थल से टनों के हिसाब से मलबा निकला है। गौरतलब है कि डंपिंग साइट के लिए वन विभाग की मंजूरी लेना भी अनिवार्य है, लेकिन यहां निर्माता कंपनी को ऐसी मंजूरी नहीं मिल पाई है। पार्किंग निर्माण में देरी की दूसरी बड़ी वजह लगातार भू-स्खलन होना बताया जा रहा है। कटिंग के बाद पार्किंग स्थल पर मलबे के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। इस वजह से भी काम में देरी हो रही है।
गेट पर ही लग रहा जाम
आईजीएमसी में पार्किंग न होने की वजह से मरीजों को मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। यहां सडक़ किनारे गाडिय़ां खड़ी करनी पड़ रही हैं। कई बार सडक़ पर खड़ी गाडिय़ों का चालान भी कट जाता है। मरीज को आईजीएमसी छोडऩे आए सगे संबंधियों को गेट से ही वापस भेज दिया जाता है। इसके अलावा आईजीएमसी के गेट पर लगातार जाम की समस्या भी बनी रहती है। आईजीएमसी में प्रदेश भर से मरीज पहुंचते हैं और इसे देखते हुए स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में पार्किंग निर्माण को प्राथमिकता दी गई थी, लेकिन अब इसके निर्माण में देरी की वजह से लोगों को मुश्किलें पेश आ रही हैं।
तय समय पर ही कार्य पूरा करने के दिए निर्देश
मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी कैप्टन एसपी जगोता ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत शहर भर में शुरू किए गए काम समयबद्ध पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी लगातार काम का निरीक्षण कर रहे हैं। काम समय पर पूरे हों इसके लिए दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं। पार्किंग के काम देरी न हो इसके लिए निर्माता कंपनी से बातचीत की जाएगी। काम में देरी के लिए जो कारण जिम्मेदार हैं उन्हें भी समाप्त करने का प्रयास किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने ज्यादातर काम दिसंबर 2024 तक पूरे करने का लक्ष्य रखा है और इसी लक्ष्य के तहत काम किया जा रहा है।