प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पहले ही दिन तपोवन में खूब तपिस दिखी। विधानसभा के अंदर जहां विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नो कान्फिडेंस मोशन लाकर माहौल बनाते हुए नारे लगाए, वहीं बाहर सवर्ण आयोग की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने सरकार व प्रशासन को झुकने पर मजबूर कर दिया। सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शोकोद्गार के साथ शुरू हुई, जिसमें सदन में विधानसभा के तीन पूर्व सदस्यों के निधन सहित तमलिनाडु के कन्नूर में हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए सीडीएस बिपिन रावत और अन्य सेना के अधिकारियों और जवानों को श्रद्धाजंलि दी गई। शीत सत्र के पहले दिन विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा नहीं हो पाई।
विपक्ष के इस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहकर खारिज कर दिया कि विपक्ष के पास इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए जरूरी सदस्य संख्या नहीं है। उन्होंने विधानसभा नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए विपक्ष की ओर से एक तिहाई सदस्यों का होना आवश्यक है, जो कि इस समय सदन में मौजूद नहीं हैं। यानी विपक्ष को 23 सदस्यों के साथ सदन में उपस्थित होना जरूरी था। सत्र के पहले दिन विपक्ष के 18 सदस्य ही सदन में मौजूद थे। अविश्वास प्रस्ताव को नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, कर्नल धनीराम शांडिल, जगत नेगी, रामलाल ठाकुर तथा मोहन लाल ब्राक्टा ने सदन में पेश किया था। वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार ने अपनी विश्वसनीयता को पूरी तरह से खो दिया है। उपचुनाव में चारों सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भोजनावकाश के बाद प्रदर्शकारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे मुलाकात के बाद सवर्ण आयोग के गठन की घोषणा की। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आश्वासन दिया कि अगले बजट सत्र में आयोग के गठन को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर स्वर्ण आयोग का गठन किया जाएगा।