शिमला आई नीति आयोग की टीम के सामने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 15वें वित्तायोग ने हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार और उन्नयन के लिए 400 करोड़, मंडी जिला में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 1000 करोड़ और ज्वालामुखी मंदिर के लिए पेयजल और मल निकासी योजना के सुधारीकरण के लिए 20 करोड़ रुपए की अनुशंसा की है। हिमाचल प्रदेश एक राजस्व घाटे वाला राज्य है और विभिन्न आधारभूत संरचना परियोजनाओं में निवेश के लिए राज्य के पास सीमित साधन हंै। ऐसे में इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उदार सहायता की आवश्यकता है। यह राशि हिमाचल को जल्द जारी की जानी चाहिए। राज्य में रेल संपर्क बढ़ाने पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने इस विषय पर राज्य को क्षतिपूर्ति प्रदान करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे हिमाचल में रेल नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यातायात व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी तैयार की है, ताकि हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता विकास और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केंद्र बनाया जा सके और विद्युत चालित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग आधारभूत संरचना तैयार की जा सके।
इसके लिए विद्युत चालित वाहन निर्माता उद्योगों को अनुदान और प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। राज्य सरकार अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवा क्षेत्र में व्यय कर रही है। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं फल प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि किसानों और बागबानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। इस अवसर पर नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव डा. राकेश सरवाल ने देश और हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संकेतकों के संबंध में एक प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि राज्य सरकार नीति आयोग के सदस्य द्वारा दिए गए सुझावों और सिफारिशों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्वस्थ एवं खुशहाल हिमाचल के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री और नीति आयोग को आयोग की सिफारिशों को कार्यान्वित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का भी आश्वासन दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने बजट में कहा है कि सरकार बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए विस्तृत अध्ययन कर इसके आधार पर एक कार्य योजना तैयार करेगी।