न्यूनतम समर्थन मूल्य का अध्यादेश में वर्णन हो।
आवाज़ जनादेश/अम्बाला
किसान विरोधी तीन अध्यादेश के विरोध में और मंडियों में धान की खरीद जल्द शुरू करने की लिए धरने पर बैठे अम्बाला के किसानों का समर्थन करने अम्बाला छावनी की अनाजमंडी पहुंचे इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहाकि आज देश व प्रदेश का अन्नदाता अपनी जायज मांगो के लिए सड़कों के लिए है जोकि बहुत ही दुख व अफसोस की बात है। विश्व इतिहास में ऐसा पहला मौका है कि समाज के जिस वर्ग के लिए फायदेमंद भठ कर कानून सरकार ने बनाए हैं वो वर्ग ही इन कानूनों का विरोध कर रहा है और सरकार जबरदस्ती उस वर्ग का फायदा करना चाहती है। उन्होंने कहाकि सरकार की किसान व आमजनता के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य का वर्णन अध्यादेश में करे, मंडियों को खत्म न किया जाए, अदालती कार्यवाही का किसान का अधिकार बरकरार रहे और धान की बिना शर्त खरीद सरकार शुरू करे। लोकतांत्रिक प्रणाली में चुनी हुई सरकार का नैतिक, समाजिक व कानूनी दायित्व होता है कि बनाए जाने वाले नियम व कानून जनता व सम्बन्धित वर्ग के हितकारी हो और आमजन की कसौटी पर खरे उतरे। आज भले ही देश व प्रदेश की सरकार के पास संख्याबल है और संख्याबल के बलबूते सरकार कोई भी कानून बना सकती है लेकिन आमचुनाव में जनता की अदालत में गलत निर्णयों के खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है। समय रहते सरकार को किसान के हित मे अध्यादेशों में आवश्यक संशोधन करने चाहिए ताकि देश का अन्नदाता संतुष्ट होकर विकास में सहयोग दे सके।
अन्नदाता सड़को पर,मांगे माने सरकार:-ओंकार सिंह
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