रातभर चलता है भजन किरतन व नाटियों का दौर
चमन शर्मा आनी/ब्यूरो
आनी क्षेत्र की ग्राम पंचायत खणी के बटाला गांव में 9 माचृ को पूर्णिमा के दिन फाग उतसव धूमधाम से मनाया जाऐगा जिसके लिए मंदिर कमेटी ने तैयारी शुरू कर दी हैं। ठाकुर मुरलीधर का ,जिसके सानिध्य में हर वर्ष फ़ाग मेला बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । ठाकुर मुरलीधर जे कारकनूनों व ग्रामीणों द्वारा इस पर्व को मनाने के लिए विशेष तैयारियां की होती है । मन्दिर परिसर को खूब सजाया जाता है । इस उत्सव में जिला कुल्लू,शिमला व मंडी समेत अन्य कई क्षेत्रों के लोग शरीक होकर ठाकुर मुरलीधर के दर्शन करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं । इस वर्ष यह उत्सव 9 मार्च की रात व 10 मार्च की सुबह होगा ।
होली पर्व के एक दिन पूर्व ठाकुर मुरलीधर के साथ ब्रज की तरह ही होली खेलते हैं तथा साल के मात्र इसी एक दिन भगवान श्रीकृष्ण अपने मंदिर से सुबह ब्रहम मूहरत में कुछ घंटों के लिए मंदिर से बाहर आते हैं और हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालों को अपना आशीर्वाद देते हैं। हर वृष होली से एक दिन पूर्व यह फाड उतसव यहां धूमधाम से मनाया जाता है।पारम्परिक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की जाती है।
सांयकाल में भगवान कृष्ण जी के मंदिर को सुन्दर ढंग से सजाया गया होता है । दूर-दराज़ क्षेत्रों से पहुंचे श्रदालु ठाकुर मुरलीधर के समक्ष शीश नवा कर आशीर्वाद लेते हैं । मधुर भजनों की धुनों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है । कई भजन मंडलियां विशेष रूप से सुबह तक भजनों की झड़ी लगाते हैं । भक्तिमय इस वातावरण में कोई भी अपने आप को थिरकने से नहीं रोक पाता ।
सुबह के समय होलिका स्वरूप फाग बुटी को दो दलों द्वारा वाद्य यंत्रों की थापों पर नाचते गाते हुए मंदिर प्रांगण में लाकर प्रांगण में गाढ़ा जाता है । 16 जलती मशालों को मंदिर प्रांगण में लाकर होलिका रूपी फाग बुटी को आग में जलाया जाता है । जो अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है । ठाकुर मुरलीधर चांदी व विभिन्न अंलकरणों में।सजकर सुन्दर पालकी में सवार होकर बाहर आकर मशालों के इर्द-गिर्द वाद्य यंत्रों की थापों,श्रदालुओं संग खूब झूमते हैं । लोग ठाकुर मुरलीधर का आशीर्वाद लेकर क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं । वहीं,सैंकड़ों महिला-पुरुषों की भव्य नाटी से आपसी भाईचारे,एकजुटता व पारंपरिक संस्कृति को बनाये रखने का संदेश दिया जाता है ।
वर्ष में एक बार मंदिर से बाहर निकलते हैं श्री कृष्ण भगवान
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