आवाज़ जनादेश/ब्यूरो
वन, परिवहन व युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कॉलेज का काल विद्यार्थी जीवन का सुनहरा और मौज मस्ती का होता है, लेकिन साथ ही युवावस्था में अनेक मसलों पर संवेदनशीलता का होना भी जरूरी हैं। वह शनिवार को कुल्लू के कलाकेन्द्र में कोठी सारी-भेखली घाटी स्टूडेंट एसोसियेशन के वार्षिक समारोह में बडी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि युवाकाल से ही व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित करता है। संभलता भी इस अवस्था में है और बुराईयों की ओर भी यही अवस्था प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि जीवन को खुलकर जीने का तात्पर्य सभी क्षेत्रों में सकारात्मक सोच के साथ अपनी उर्जा का सदुपयोग करना है। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा कि नशा किसी भी समाज को बर्बाद करने का कारण बन सकता है। किसी समाज में यदि युवाओं की बडी टोली नशे की जकड में हो तो संभवत: उस समाज को पतन से नहीं बचाया जा सकता। उन्होंने युवाओं से अपनी उर्जा को सही दिशा में तथा समाज के कल्याण के लिए समर्पित करने को कहा।
उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों का समावेश भी विद्यार्थीकाल में ही हो पाता है। जैसे संस्कार बच्चों को उनके घर परिवार तथा शिक्षकों से मिलते हैं, वे अंत तक इन्हीं संस्कारों के साथ समाज में एक नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि बच्चों की परवरिश अच्छे संस्कारों के साथ की जाए और उन पर आरंभ से ही नजर रखी जाए। उन्होंने युवाओं का आहवान किया कि उन्हें अपने बडे बुजुर्गों तथा समाज के बुद्धिजीवियों का आदर कर उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए जिससे उनके जीवन में अच्छे मूल्यों का प्रवाह हो सके।
गोविंद ठाकुर ने कोठी सारी-भेखली घाटी स्टूडेन्ट एसोसियेशन को खेलकूद व सांस्क्तिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए 50 हजार रूपये की घोषणा की।
इसी बीच, गोविंद सिंह ठाकुर ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जिला की महिला शक्ति को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि जिला के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में महिलाओं की बराबर की हिस्सेदारी है। आज महिलाएं समाज के प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं।
जिला परिषद सदस्या मंजरी नेगी, राज्य योजना बोर्ड के सदस्य युवराज बोद्ध सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
कॉलेज के दिन मौज मस्ती के, पर संवेदनशीलता भी जरूरी -गोविंद सिंह ठाकुर
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