आवाज़ जनादेश /शिमला
जलवाहक पूरी दिहाड़ी पर आने के बाद 6 वर्ष की सेवा के बाद नियमित होने के लिए पात्र होते हैं, अब वे 5 वर्ष में नियमित होंगे।
शिक्षा विभाग में कार्यरत आउटसोर्स, आईटी अध्यापकों के मानदेय में 10 फीसदी वृद्धि । नियमित पालिसी बनाने का सरकार का फिलहाल नहीं कोई विचार।
वाटर करियर और मिड डे मील वर्कर्स का 300 रुपये बढ़ाया।
आशा वर्कर को ग्रामीण क्षेत्र प्रसव से पहले जांच के लिए 600 जबकि शहरी में 400 रुपए दिए जाएंगे।
आशा वर्कर के मानदेय में राज्य अंश को 500 प्रतिमाह बढ़ाने की घोषणा
पंचायत सिलाई अध्यापिकाओं और पंचायत चौकीदारों को दिए जा रहे मानदेय को 500 रुपए प्रति माह बढ़ाने की घोषणा ।
शिक्षा क्षेत्र पर 2020-21 में 8,016 करोड़ रुपए का खर्च करने का प्रस्ताव।
ब्रेस्ट कैंसर में बढ़ोतरी को देखते हुए सभी जिला अस्पताल में मेमोग्राफी मशीन लगाई जाएगी ताकि टेस्ट की सुविधा उपलब्ध हो और समय पर बीमारी का पता चल सके। स्वस्थ और सशक्त बाल मातृत्व योजना की शुरुआत।
स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 2020-21 में स्वास्थ्य विभाग को 2,702 करोड़ रुपए तथा आयुर्वेद विभाग को 307 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
साहसिक खेल को बढ़ावा देने के लिए पर्वत योजना के अंतर्गत 20 करोड़ रुपये का प्रावधान।
प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए क्लस्टर स्कूल बनाये जाएंगे।
स्वर्ण जयंती प्रारंभिक ज्ञानोदय योजना के माध्यम से सभी आधुनिक टेक्नोलॉजी को अपनाया जाएगा और 100 स्कूल चयनित होंगे 15 करोड़ का प्रावधान।इसी तरह से गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ज्ञानोदय श्रेष्ठ स्कूल योजना शुरू करने की घोषणा।
स्कूलों के नवीकरण के लिए भी 30 करोड़ का प्रावधान। 9 कॉलेज होंगे उत्कृष्ट कॉलेज के रूप में विकसित 9 करोड़ होंगे खर्च।
मेधा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत स्वर्ण जयंतीसुपर 100 योजना का आरंभ दसवीं में टॉप 100 छात्रों को व्यावसायिक संस्थाओं में जाने पर 1 लाख प्रति छात्र सहायता की जाएगी।
आधुनिक बाल चिकित्सा सेंटर खोलने की घोषणा। 10 मोबाइल हेल्थ वैन शुरू करने की घोषणा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इसका फायदा मिल सके।
सम्मान योजना की घोषणा जिसमें अस्पताल में छोड़े लावारिस मरीजों को सहायता दी जाएगी।
2020-21 में पंचवटी योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पार्कों तथा बागों का निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा।
पशुपालन क्षेत्र पर 2020-21 बजट अनुमानों में 477 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश सरकार 2020-21 में 100 नई ट्राऊट इकाईयों का निर्माण करेगी। इसके अलावा मछली का उत्पादन बढ़ाने के लिए ट्राऊट मत्स्य पिंजरों का निर्माण करवाया जाएगा।
ग्राम पंचायत पशु चिकित्सा सहायकों के 120 पद भरे जाएंगे।
हिम कुक्कुट पालन योजना आरंभ होगी। पशुधन की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पशुपालकों के द्वार पर करने के उद्देश्य से प्रदेश में पायलट आधार पर मोबाइल वैटनरी सेवा का प्रावधान किया जाएगा।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रदेश के 11 जिलों के 3,300 गांवों में निशुल्क गर्भाधान योजना का आरंभ किया जाएगा।
कृषि उत्पाद संरक्षण (एंटी हेलनेट) योजना नामक नई योजना के अंतर्गत एंटी हेलनेट के लिए बांस अथवा स्टील के स्थाई स्ट्रक्चर पर बागवानों तथा किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिए 2020-21 में 1,024 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव।
हींग और केसर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि से संपन्नता योजना शुरू होगी।
पिछड़े वर्ग के विकास के लिए एडीबीपी योजना की शुरुआत होगी।
District good governance index में पहले स्थान पर रहने वाले ज़िले को 50 लाख, दूसरे स्थान पर 35 लाख का इनाम दिया जाएगा।तृतीय स्थान वाले जिले को 25 लाख रुपए ईनाम राशि दी जाएगी।
विधायक प्राथमिकताओं की बैठक साल के दो बार आयोजित होगी। विधायक निधि को 150 करोड़ से 175 करोड़ बढ़ाया
नाबार्ड और अन्य वित्त पोषित योजनाओं के माध्यम से मिलने वाली विधायकों की राशि को 105 करोड़ से 120 करोड़ बढ़ाने घोषणा
विधायक क्षेत्र विकास निधि डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर 1.75 करोड़ करने की घोषणा।
विधायक राशन कार्ड में सब्सिडी छोड़े
आगामी वर्ष में मंत्री परिषद की बैठकों को ई-कैबिनेट सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम्प्यूटरीकरण करके पेपरलैस किया जाएगा
अभी तक 2 लाख 76 हजार परिवारों को गृहिणी सुविधा योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए गए हैं। जिसके पास एलपीजी गैस कनेक्शन न हो उसे इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा।
प्रस्तावित 7 हजार 900 करोड़ रुपए में से 1 हजार 990 करोड़ रुपए अनुसूचित जाति उपयोजना 711 करोड़ रुपए जनजाति उपयोजना तथा 88 करोड़ रुपए पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना के लिए प्रस्तावित है।
2020-21 के लिए वार्षिक योजना का परिव्यय 7 हजार 900 करोड़ रुपए है, जोकि 2019-20 के योजना आकार 7 हजार 100 करोड़ रुपए से लगभग 11 प्रतिशत अधिक है।
जलवाहक पूरी दिहाड़ी पर आने के बाद 6 वर्ष की सेवा के बाद नियमित होने के लिए होंगे पात्र
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