आवाज़ जनादेश
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज गेयटी थियेटर शिमला में आयोजित 10 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र दुनिया के लिए एक शानदार उदाहरण है। उन्होंने कहा कि ‘हम सबसे बड़े और सबसे विविध लोकतंत्र हैं और हमारी चुनाव प्रक्रिया में सभी हितधारकों का योगदान महत्वपूर्ण है, जिनमें से दो हितधारकों, मतदाता और चुनाव आयोग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण तथा एक-दूसरे के पूरक है’।
उन्होंने कहा कि 25 जनवरी को हर साल मनाया जाने वाला राष्ट्रीय मतदाता दिवस, भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन, हमें राष्ट्र के हर चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति का वोट देश के भविष्य का आधार है। पहली बार मताधिकार प्राप्त कर रहे युवा मतदाताओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदाता होने का अवसर मिला है, जो गर्व की बात है। दत्तात्रेय ने कहा कि आपको जानकारी, जिम्मेदारी, नैतिकता और संवेदनशीलता के साथ इस अधिकार का उपयोग करना चाहिए और नए भारत का भविष्य मतदाता के विवेकपूर्ण मतदान से निर्धारित होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि युवा मतदाता भारत के संविधान के आदर्शों और मूल्यों को सुदृढ़ करने में सहयोग करेंगे।
दत्तात्रेय ने राज्य निर्वाचन विभाग की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि विभाग ने पूरी निष्पक्षता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन विभाग ने न केवल चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित किया है, बल्कि उन्होंने मतदाताओं को चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका अपनानेे के लिए भी प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में लगभग 5209670 मतदाता हैं और मतदान केंद्रों की संख्या 7792 हैं, जिनमें से कई केंद्र कठिन क्षेत्रों में हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने इन क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों के मध्यनजर कई मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि हर चुनौती के बावजूद मतदाताओं और चुनाव विभाग के संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप मतदान प्रक्रिया निष्पक्षता और सफलता के साथ संपन्न हुई।
राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष के मतदाता दिवस का विषय ‘मजबूत लोकतंत्र के लिए मतदाता साक्षरता’ है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मतदान केंद्रों, स्कूलों, काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में निर्वाचन विभाग द्वारा मतदाता साक्षरता क्लब तथा मतदाता जागरूकता मंचों का गठन किया गया है।
इससे पहले, राज्यपाल ने जनसंपर्क और संचार ब्यूरो द्वारा प्रस्तुत भारत के राष्ट्रीय आयोग द्वारा लगाई गई फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर उपस्थित सभी नागरिकों को चुनावी साक्षरता की शपथ भी दिलाई।
राज्यपाल ने पर्यटन विभाग के निदेशक यूनुस को भारत के चुनाव आयोग द्वारा अनुशंसित राज्य पुरस्कार और ऊना से विजय कुमारी और संतोष कुमारी, कुल्लू से शांति देवी, कांगड़ा से परमजीत सिंह को उत्कृष्ट मतदान कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार और शिमला के श्री तीर्थ नंद शास्त्री को जिला स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने इस अवसर पर मिस शालिनी को चुनाव विभाग के राज्य प्रतिरूप के रूप में बधाई दी।
राज्यपाल ने इस अवसर पर राज्य निर्वाचन विभाग के कैलेंडर का विमोचन भी किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी रूपाली ठाकुर ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत और कहा कि रुझानों से पता चला है कि राज्य में हर चुनाव में वोट प्रतिशत में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 2018 के लोकसभा चुनाव के दौरान वोट प्रतिशत 72.42 था और विधानसभा चुनावों में यह 75.57 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि इस दिन आयोग ने 18 नए मतदाताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भविष्य के मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव विभाग द्वारा स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक विभिन्न साक्षरता कार्यक्रम चलाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रत्येक मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है क्योंकि आयोग के लिए हर वोट महत्वपूर्ण है। भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं को उनके मताधिकार के सहज प्रयोग हेतू सुविधाएं प्रदान करने के लिए हर सम्भव कदम उठाए जा रहे हैं।
इसके पश्चात, अतिरिक्त उपायुक्त शिमला अपूर्व देवगन ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर नाट्य नुकृति द्वारा ‘वोट देना जरुरी है’ पर एक नाटक, गुलाब सिंह द्वारा एक एकल प्रदर्शन और जिला शिमला सांस्कृतिक दल द्वारा करयाला और लोक नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।
राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर, जिला प्रशासन और राज्य निर्वाचन विभाग के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।