*वाराणासी के से खुर्सीद आलम*
आवाज़ जनादेश-आज 8 जनवरी 2020 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आवाहन पर देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में डीरेका बचा ओ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में कर्मचारी कारखाने के पूर्वी गेट पर इकट्ठा हो कर सभा को संबोधित करते हुए संयोजक वीडीदुबे ने कहा कि सरकार श्रम कानूनों के सुधार के नाम पर 44 श्रम कानूनों को समाप्त करके 4 कोड में बदल रही है जिससे कर्मचारियों को मिलने वाले तमाम अधिकार छीन लिए जाएंगे पदोन्नति के रास्ते बंद हो जाएंगे हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि मजदूर विरोधी 4 श्रम कोड को रद्द किया जाए डीएलडब्ल्यू रेल मजदूर यूनियन के महामंत्री राजेंद्र पाल ने कहा कि रेलवे में निजी ऑपरेटर के माध्यम से 150 से चलाने की बात की जा रही है इस तरह से भारतीय रेलवे का निजीकरण करने की बड़ी साजिश हो रही है रेलवे रोजगार देने वाला देश का सबसे बड़ा सरकारी क्षेत्र है जिसमें निजीकरण होने से सरकारी नौकरियों के रास्ते बंद हो जाएंगे ,
कर्मचारी परिषद सदस्य प्रदीप यादव ने कहा मुनाफे में चलने वाले उत्पादन इकाइयों को बदनाम किया जा रहा है आज तर्क दिया जाता है कि सरकारी विभागों में काम नहीं होता इसलिए इसका निजीकरण कर दिया जाना चाहिए अगर यह बात सही होती तो तमाम निजी हवाई यात्रा वाली कंपनियां बंद क्यों हो गई हैं ?
कर्मचारी परिषद सदस्य नवीन सिन्हा ने कहा कि पहले कर्मचारियों से पेंशन छीनकर शेयर बाजार आधारित नई पेंशन योजना थमा दिया गया जिससे कर्मचारियों का बुढ़ापा असुरक्षित हो गया है ।
सुशील सिंह ने कहा कि रेलवे से एफडीआई वापस लिया जाए और देश में युवाओं को रोजगार दिया जाए ,कर्मचारी परिषद सदस्य अजीमुल हक ने कहा सरकार ने वादा किया था कि रोजगार देंगे लेकिन अब रोजगार छीना जा रहा है , रूप सिंह मीणा ने कहा कि देश की जनता और कर्मचारियों ने खून पसीने से बनी भारतीय रेलवे को देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हवाले करना क्या देश हित का निर्णय है ? हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि रेलवे निजी ऑपरेटर से ट्रेन चलाने का फैसला वापस लिया जाए कार्यक्रम में मुख्य रूप से देवता नंद तिवारी ,अमित कुमार ,अश्वनी, अरविन्द श्रीवास्तव,श्याम मोहन , डी एन भट्ट, दीपक, सतीश,रवि,संदीप,रंगबहादुर, अजय सिंह,मनोज कुमार सिंह,पद्मकान्त पाठक, धर्मेन्द्र सिंह, नरेंद्र भंडारी, ऋषि, आदि हजारों कर्मचारी उपस्थित रहे।
कर्मचारियों को मिलने वाले तमाम अधिकार छीन लिए सरकार ने – वीडीदुबे
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