राजगढ क्षैत्र मे अभी भी सफेद र्कफ्यू

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गोपाल शर्मा राजगढ
गत बुधवार यानि 8 जनवरी को हूये भारी स्नोफल के बाद राजगढ क्षैत्र मे अभी भी सफेद र्कफ्यू लगा है यानि सामान्य जन जीवन पटरी पर नही लोट पा रहा है यहा राजगढ मे इस मौसम की पहली ही बर्फबारी ने आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है। राजगढ़ उप मण्डल की करीब डेढ दर्जन पंचायतो के लगभग 200 गांव में लगभग 96 घंटों से ब्लैक ऑऊट छाया हुआ है और अभी बिजली आने की कोई उमीद नहीं है।क्युकि सनौफाल के कारण बिजली की लाईने पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो रखी है ।
लगभग 30 सालो के उपरांत हुई बर्फबारी से राजगढ़ क्षेत्र में जनजीवन ठप्प हो गया है। पानी की पाईपें जमने से शहर में पेयजल समस्या विकराल होने लगी है । राजगढ़ क्षेत्र की अधिकांश सड़के बंद हो गई है। जो सडके अभी तक बंद पडी है उसमे राजगढ ठारू ,नेरीपूल पुलबाहल, धाली डिबंर ,कल्योपाब लैऊनाना ,शलैच धामला ,हाब्बन मानवा ,फागू बथाऊधार ,राजगढ हाब्बन ,राजगढ दाहन ,राजगढ ब्राईला ,पैरवी पूल हाब्बन ,राजगढ, राजगढ भूईरा ,राजगढ नौहराधार, राजगढ गढोल पीडग ,सहित लगभग डेढ दर्जन सडके शामिल है सोलन राजगढ के बीच भी अभी तक यातायात सुचारू रूप से नही चल पा रहा है कुछ स्थानो पर सडको पर पाले की इतनी क ई ईचं मोटी परते जम गई है जिसके कारण सडक शीशा बन गई है और फिसलन के कारण हादसो का खतरा बढ गया है क ई बार तो वाहनो की फिसल के कारण घंटो जाम लग जाता है लोक निर्माण विभाग द्वारा ऐसे स्थानो को मिटटी व रेता डाल कर ठीक किया जा रहा है बाकि बंद पडी सडको को खोलने के लिए लगभग डेढ दर्जन जे सी बी लगाकर सडको को खोलने का कार्य युद्व स्तर पर जारी है ।उधर अगर विद्युत विभाग की बात करे तो वह भी विद्युत क्षतिग्रस्त लाईनो की ठीक करने मे युद्व स्तर पर कार्य कर रहा है मगर अभी तक वह उपमडल मुख्यालय राजगढ मे ही चार दिनो मे विद्युत सप्लाई चालू कर पाया है क्षैत्र मे विभाग के लगभग 170 ट्रांसफर बंद पडे है जिसके कारण सैकडो गांव अंधेरे मे डूबे है यहा लोगो का कहना है कि विद्युत विभाग द्वारा विद्युत लाईनो के सुधार के लिए करोडो रूपये गत वर्ष ही खर्च किये थे उसके बाद भी बिजली के पोल केवल 6 इंच बर्फ सहने के काबिल भी नहीं है और राजगढ के रासू मांदर ,पझौता ,परगैल क्षैत्रो मे तो विद्युत सप्लाई 7 जनवरी को ही बद हो गई थी जबकि हिमपात तो 8 जनवरी को हुआ उसी प्रकार राजगढ शहर मे भी विद्युत सप्लाई 8 जनवरी को लगभग दौपहल को बंद हो गई जबकि हिमपात तो उसके बाद हुआ ऐसे मे करोडो रूपये से विद्युत लाईनो मे क्या सुधार किया गया लोगों का कहना है कि ठंड में बिजली की जरूरत होती है तो बिजली गुल हो जाती है ।
इनका कहना है कि सर्दियों और बरसात में हल्की बारिश होने पर बिजली गुल हो जाती है और बिजली बोर्ड द्वारा अपनी लाईनों को पक्का करने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए है ।यानि करोडो रूपये खर्च करने का आम जनता को कोई लाभ नही हो पाया ।
लोगों ने बताया कि तीन दिनों से बिजली न होने के कारण लोगों कोे बहुत दिक्कत पेश आ रही है अधिकांश मोबाईल फोन बंद होने से लोगो का संपर्क देश के दूसरे भागो से कट गया है
लोगों का आरोप है कि ठेके पर दिए गए लाईनों के काम में घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने से पोल को गिरने और लाइनों के टूटने के अधिकांश मामले सामने आ रहे हैं ।
उधर क्षैत्र मे यातायात व विद्युत व्यवस्था जबंद होने के कारण क्षैत्र के अधिकतर बाजार सुने पडे है और दुकाने बंद नजर आ रही है ।।

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