जयराम ठाकुर ने मनाया जनता के साथ अपना 55वां जन्मदिवस

Date:

आज जयराम ठाकुर अपना 55वां जन्मदिवस मना रहे हैं,एक किसान परिवार से निकलकर सीएम के पद तक पहुंचना ये सफर कुछ इस तरह रहा
हिमाचल के मंडी जिला में किसान परिवार में जन्में और सुर्खियों से हमेशा दूरी बनाए रखने वाले जयराम ठाकुर आज अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी के पास कोई सियासी विरासत नहीं है.जयराम ठाकुर जी किसान परिवार से आते हैं. मंडी जिले के छोटे से गांव तांदी में उनका जन्म 6 जनवरी 1965 को हुआ. उनके पिता जेठाराम ठाकुर किसान थे. वो रिजक चलाने के लिए मिस्त्री का भी काम कर लिया करते थे.जयराम ठाकुर जी के पिता जी का स्वर्गवास ही चूका है और पिता की बरसी के दो दिन बाद जयराम ठाकुर जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। गरीबी देखकर अपनी ईमानदारी के दम पर आज जयराम ठाकुर जी मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हैं। लेकिन दुर्भाग्य देखें विरोधी हमेशा ये तंज मारने से पीछे नहीं हटते की मिस्त्री का बेटा मुख्यमंत्री बन गया। इन विरोधियों की नजर में गरीब इंसान मुख्यमंत्री नहीं बन सकता !

मुख्यमंत्री जयराम जी की शुरुआती पढ़ाई बगस्याड़ के सरकारी स्कूल से हुई. यहां से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद दो साल तक उनकी पढ़ाई रुकी रही. जयराम जी के पिता जी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो उन्हें कॉलेज भेज सकें. ऐसे में वो पिता के साथ खेत में काम करते, उसके बाद छोटी-मोटी मजदूरी के लिए निकल जाते. दो साल की मेहनत के बाद उन्होंने अपने कॉलेज के लिए फीस जुटाई और मंडी के वल्लभ कॉलेज पढ़ाई के लिए चले गए.

वल्लभ कॉलेज में जयराम ठाकुर जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े. उसके बाद1984 में जिंदगी में वे पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे थे.आपको हम यहां बता दें कि जयराम ठाकुर जी को कॉलेज के पहले ही साल में क्लास रिप्रजेंटेटिव चुना गया.

इसके बाद जयराम ठाकुर जी संघ और विद्यार्थी परिषद के रंग में इतने रंग गए कि संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए.ये सब उनकी कार्यशैली और मेहनत की वजह से ही संभव हो पाया था. साल था 1990 का उन्हें विद्यार्थी परिषद (ABVP )का काम देखने के लिए जम्मू भेजा गया. उस समय का वो दौर राम मंदिर का दौर था और जयराम ठाकुर जी इस राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय हो गए.

उसके बाद 1992 के अंत में वो फिर से अपने घर लौटकर आए बात है 1993 की जब जयराम ठाकुर जी को हिमाचल प्रदेश बीजेपी युवा मोर्चा का सचिव बनाया गया. उसके बाद उनके कार्य को देखते हुए 1993 के विधानसभा चुनावों का जयराम ठाकुर जी को टिकट मिला. उस दौरान घरवालों के विरोध के बावजूद भी जयराम ठाकुर जी चच्योट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ गए. उस समय जयराम ठाकुर जी की उम्र थी महज 28 साल. इस चुनाव में उनकी हार हुई .हार के बाद भी जयराम ठाकुर जी ने जनता के साथ जुड़ना नहीं छोड़ा और जनता के बीच उन्होंने अपनी पकड़ को और मजबूत किया।उन्होंने जनता को एहसास दिला दिया था की वो आम जनता के नेता हैं जमीन से जुड़े हुए और जनता के लिए ही काम करेंगे।फिर समय आता है 1998 का वो फिर से इसी सीट से चुनाव में उतरे है और उस समय उनके सामने थे कांग्रेस के मोतीराम। यह चुनाव जयराम ठाकुर जी 1800 के मार्जिन से जीत जाते हैं .

उसके बाद फिर जयराम ठाकुर जी आगे बढ़ते चले लोगों के बीच उनकी छवि एक ईमानदार नेता के रूप में बनती ही चली गयी.सन 2000 से 2003 के बीच वो मंडी जिले के बीजेपी अध्यक्ष रहे. उसके बाद साल 2003 में उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया,और साल 2006 में वो प्रदेश अध्यक्ष बना दिए गए.साल 2007 में विधानसभा चुनाव थे और संगठन की कमान जयराम ठाकुर जी के हाथ में थी. उस समय हिमाचल में राजनीती दो गुटों में बंटी हुई थी.

ये उस समय जयराम ठाकुर जी के लिए परीक्षा की घड़ी थी भाजपा के दो गुट बन चुके थे.पहले धड़े का नेतृत्व शांताकुमार कर रहे थे और दूसरे की कमान धूमल के पास थी. ऐसे में संगठन को चलाना किसी चुनौती से कम न था. पर जयराम ठाकुर जी ने यह बखूबी करके दिखाया.साल 2007 के चुनाव भाजपा की विशाल जीत हुई जिसमें भाजपा के खाते में 68 में से 41 सीट गई और प्रेम कुमार धूमल जी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे. धूमल सरकार में जयराम ठाकुर जी को पंचायती राज मंत्री बनाया गया.उसके बाद जयराम ठाकुर जी आगे बढ़ते चले गए और आज अपनी कार्यशैली ईमानदारी की वजह से वो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं और जैसे वो पहले जनता की सेवा करते थे वैसे ही आज कर रहे हैं।

बात करें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी के वैवाहिक जीवन की तो बात है उनकी पत्नी का नाम है डॉ साधना जी। साधना जी ने जयपुर के ही सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की है. वो 1992 में राजस्थान में विद्यार्थी परिषद की प्रचारक हुआ करती थीं. जम्मू में संगठन के एक सम्मलेन में उनकी मुलाकात जयराम ठाकुर से हुई. यहां दोनों में दोस्ती हुई जो बाद में प्यार में बदल गई.उनके पिता श्रीनाथ राव आरएसएस से जुड़े हुए थे.

जब जयराम ठाकुर जी 1993 का चुनाव लड़े थे तो हारने के बाद जयराम ठाकुर जी आर्थिक संकट में आ चुके थे. ऐसे समय में डॉ साधना ने उनका साथ दिया और बड़े साधारण तरीके से दोनों ने शादी की और उसके बाद डॉ साधना जी जयराम जी के साथ हिमाचल में ही बस गई.

इस समय जयराम सरकार को बने हुए दो साल पुरे हो चुके हैं और इन दो सालों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी ने प्रदेश हित प्रदेश की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए बहुत अच्छी अच्छी योजनाओं के शुरू किया।जनता से आज भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी उसी तरह जुड़े हुए हैं जैसे मुख्यमंत्री बनने से पहले थे यही वजह है जयराम ठाकुर जी प्रदेश की जनता के दिलों में राज करते हैं। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर हम प्रदेश के मुख्यमंत्री को ढेर सारी शुभकामनाये देते है और उम्मीद करते हैं विकास के पथ पर वो हिमाचल को बहुत आगे लेकर जायेंगे !

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा शुरू की गयी योजनाओं पर एक नजर जिनका लाभ मिल रहा है आज प्रदेश की जनता को !जयराम सरकार ने सबसे पहला निर्णय बुजुर्गों के सम्मान में लिया है। हमने पेंशन की आयु सीमा को 80 से घटाकर 70 वर्ष किया।आज बुजुर्गों का आशीर्वाद सरकार को प्राप्त हो रहा है।

जयराम सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में हिमाचल को शिखर तक पहुंचाने का प्रयास किया है।

जयराम ठाकुर जी ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 जनता को समर्पित की जो आज जनता के लिए वरदान साबित हो रही है।अब एक फोन कॉल पर जनशिकायतों का समाधान हो रहा है।

ये ही नहीं जनमंच योजना से भी प्रदेश की जनता को लाभ मिल रहा है। जयराम सरकार के मंत्री जिला -जिला में जाकर जनमंच में आम जनता की शिकायतें सुनते हैं और उसका समाधान करते हैं। दूसरी तरफ बात करें गृहणी सुविधा योजना की तो इस योजना ने प्रदेश के उन परिवारों को धुआं मुक्त कर दिया जिनके घर में गैस का चूल्हा नहीं था। आज हिमाचल में उन सभी लाखों परिवारों के घर में गैस का चूल्हा उपलब्ध है जिससे माताओं बहनो को अब धुंए से राहत मिल रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

एक अदृश्य घाव: अदिति का सपना और एक समाज का मौन

अदिति की कहानी आज के भारत में कई युवाओं...

ईश्वरदास भावुक हो उठे जब स्वागत हुआ आनी में

आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला आनी विधानसभा क्षेत्र...

हिमाचल की शर्तों पर होगा सुन्नी, लुहरी, धौलासिद्ध और डुगर परियोजनाओं में उत्पादन

आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला सुन्नी, लुहरी, धौलासिद्ध...

आंखों की रोशनी गई, सपना नहीं… दुनिया की पहली दृष्टिबाधित महिला ने फतह किया एवरेस्ट

आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला हिमाचल प्रदेश में...