कुल्लू/फोरेंसिक साइंस के सहायक निदेशक डा.ज्ञान ठाकुर के आकस्मिक निधन से कुल्लू घाटी गमगीन है। डा.ज्ञान ने पी.जी.आई.चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम यात्रा में सैंकड़ों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। लगघाटी के जठानी गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें विदाई देने पहुंचे फोरेंसिक सांइस के निदेशकडा.अरूण शर्मा ने कहा कि उन्होंंने एक मृदुभाषी तथा मिलनसार वैज्ञानिक को खोया है। उनके यूं जाने से विभाग तथा समाज को भारी क्षति हुई है। जिसकी भरपाई करना असंभव है। उपनिदेशक मंडी राकेश वर्मा ने कहा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडललिस्ट डा.ज्ञान ने फेडरल ब्यूरो ऑफ यू.के.से विभागीय ट्रैनिक की है। वह शुरूआत में विभाग में वैज्ञानिक सहायक के पद पर तैनात हुए थे। वर्तमान में वह सहायक निदेशक के पद पर तैनात थे। अंतिम विदाई देने पहुंचे उपनिदेशक सहायक, वैज्ञानिक अधिकारी नसीव ङ्क्षसह पटियाल, विशेशवर शर्मा, डा.एस.के.पाल, राजेश जम्बाल तथा राजेश ने भी उनके पैतृक गांव जठानी में उन्हें अंतिम विदाई दी। उपनिदेशक धर्मशाला डा.मीनाक्षी महाजन ने कहा कि दुख की इस घड़ी में फोरेंसिक साइंस का प्रत्येक अधिकारी एवंं कर्मचारी शोकाकुल परिवार के साथ खड़ा है। उन्होंंने दिवगंत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। दुख की इस घड़ी से उबरने की भी प्रार्थना ईश्वर से की गई।
आकस्मिक निधन से शोक में डूबी कुल्लू घाटी। पंचतत्व में विलीन सैंकड़ों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई।
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