शिमला —प्रदेश सरकार ने मेडिकल कालेजों में पीजी और सुपर स्पेशियलिटी करने वाले डाक्टरों के लिए नया फरमान जारी कर दिया है। हिमाचल के मेडिकल कालेजों से पोस्ट ग्रेजुएशन और सुपर स्पेशियलिटी करने वाले डाक्टरों को एडमिशन के 15 दिनों के भीतर अपना बांड मनी भरना होगा। यदि कोई डाक्टर बांड मनी नहीं भरता है तो मेडिकल कालेज प्रबंधन उन्हें वार्षिक परीक्षाओं में नहीं बैठने देगा। इसके अलावा पीजी डाक्टरों को मिलने वाले स्टाईपंड और सैलरी को रोक दिया जाएगा। नई पीजी पॉलिसी के तहत 40 लाख रुपए बांड मनी की शर्त रखी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। जिन डाक्टरों ने पिछले साल एडमिशन ले ली है और अभी तक बांड मनी नहीं भरी है, वह पुराने या नए नियमों के तहत बांड मनी भर सकते हैं। प्रदेश सरकार इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज शिमला और राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में पीजी की 231 के करीब सीटें हैं। पीजी की सीटों को बढ़ाने का मामला भी सरकार ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया यानी एमसीआई के समक्ष उठाया है। टीएमसी में 17 विभागों में पीजी की कक्षाएं चल रही हैं, जबकि आईजीएमसी में करीब 30 विभागों में डाक्टर पीजी कर रहे हैं। पीजी करने के बाद डाक्टरों को हिमाचल में नौकरी करनी होगी। सरकार ने डाक्टरों पर पांच वर्ष की अनिवार्य सेवा शर्त को हटाकर अब दो से चार वर्ष की अनिवार्य सेवा शर्त रखी है। दो साल की शर्त डायरेक्ट एडमिशन वालों के लिए है, जबकि चार साल की शर्त जीडीओ के लिए है।
बांड मनी नहीं, तो परीक्षा भी नहीं डाक्टरों को फरमान,नई पीजी पॉलिसी में 40 लाख है बांड राशि
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