आवाज जनादेश /कुल्लू /विनोद महंत
खबर – मंडी डैक्स कार्यालय नशा एक ऐसा धीमा ज़हर है जो व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक तौर पर दुर्बल और अक्षम बना देता है। युवाओं में सोचने की शक्ति को समाप्त कर देता है जिससे वह जीवन में मंजिल को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। यह बात उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रायसन में जिला कल्याण तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के मौके पर कही। डा. ऋचा ने कहा कि नशा व्यक्ति के बौद्धिक विकास में बाधक है और व्यक्तित्व का भी ह्वास होता है। नशेड़ी व्यक्ति को समाज के तिरस्कार को झेलना पड़ता है। नशा करने वाला व्यक्ति अथवा नौ जवान न केवल अपने आप को बल्कि अपने परिजनों के लिए भी समस्या का सबब बना रहता है। आर्थिक तौर पर परिवार की बर्बादी का भी कारण बनता है। नशा करने से नैतिक मूल्यों का ह्वास होना स्वाभाविक है उपायुक्त ने युवाओं का आह्वान किया कि वे जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो अपने आप को नशे जैसी बुराई से दूर रखें।जीवन में सकारात्मक सोच अपनाएं और मंजिल स्वयं आपके कदमचूमेगी। उन्होंने कहा कि लड़कियों की घर परिवार व समाज में नशे जैसी बुराई को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। घर-परिवार में लड़की यदि अपने पिता को या भाई को नशा न करने के लिए बार-बार आग्रह करती है तो निश्चित तौर पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने युवाओं को गल्त संगति से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी नशेड़ी युवा दूसरे को भी अपनी तरह ही बनाने का प्रयास करता है, इसलिये आवश्यक है कि ऐसे व्यक्तियों से दूरी बनाई रखी जाए।उन्होंने कहा कि अनेक प्रकार के नशीले पदार्थ तस्करों द्वारा युवाओं को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं जिनमें चिट्टा सबसे खतरनाक बताया गया है। महज एक या दो बार इसके उपयोग से युवा इसका आदी हो जाता है और ऐसे दलदल में फंस जाता है जहां से वापिस नहीं आ पाता और अंततः अपने जीवन को बर्बाद कर देता है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि यदि कोई उन्हें कोई संदिग्ध पदार्थ सूंघने का प्रलोभन दे, तो कभी भी आकर्षित न हो, बल्कि ऐसे व्यक्ति की तुरंत से पुलिस को रिपोर्ट करें। डा. ऋचा वर्मा ने अध्यापकों से भी अपील की कि वे प्रातः कालीन सभा में नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में बच्चों को बताएं। उनकी हर गतिविधि पर नजर रखें और अस्वाभाविक चाल-चलन पर अभिभावकों को सूचित करें। स्कूली छात्राएं आसानी से ऐसे युवाओं की पहचान कर सकती हैं, जो नशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं। छात्राएं ऐसे विद्यार्थियों के बारे में तुरंत से अध्यापकों व अभिभावकांे को सूचित करें। जिला कल्याण अधिकारी समीर ने मुख्य अतिथि महोदया एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं विद्यार्थियों का स्वागत किया तथा बच्चों को नशे से दूर रहने का आहवान करते हुए विभाग ,द्वारा संचालित नशा उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी प्रदान की। उन्होंने अवगत करवाया कि अप्पर मौहल में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से संचालित स्वयं सेवी संस्था गुंजन द्वारा 15 बिस्तरों का नशा मुक्ति केेंन्द्र संचालित है जहां पर नशा ग्रस्त लोगों का उपचार किया जाता है तथा नशा छोडने के लिए परामर्श दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग से जन सूचना शिक्षा अधिकारी उषा शर्मा ने भी बच्चों को विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में कमरा नं0 108 में नशा रोगियों का उपचार किया जाता है और 11 विस्तरों की सुविधा उपलब्ध है। कार्यक्रम के दौरान बच्चो से चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। भाषण में चंपा ने पहला, मनीषा ने दूसरा जबकि साहिल ने तीसरा पुरस्कार हासिल किया। उपायुक्त ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।इस अवसर पर अतिरिक्त उप निदेशक उच्च शिक्षा लवंत ठाकुर तथा प्रधानाचार्य ललित शर्मा ने भी अपने विचार रखें
DC कुल्लू ऋचा वर्मा ने कहा कि नशे का प्रलोभन देने वाले कि सूचना पुलिस को दे
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