ग्रामीणों चलार की पतियों से खोज निकाला रोजगार का तरीका

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दो वर्ष में साढ़े तीन लाख का चलार की पतियों से निर्मित हस्तषिल्प सामान बेचा


आवाज़ जनादेश कंडाघाट (रमेष ठाकुर)
स्वयं सहायता समूह घलाई ने महज दो वर्ष में साढ़े तीन लाख का चलार {चील की पतियां} का हस्तषिल्प सामान बेच कर दिया सभी को आत्म सम्मान का संदेष । जीं हां आपको बता दे ऐसा ही कारनामा कर दिखाया स्वयं सहायता समूह घलाई और उनकी पंचायत के अन्य ग्रुपों ने । मन में लगन और कुछ करने का जब दिल में जज्बा हो तो दिन-रात का पता नहीं चलता ।
चलार की पतियां जिन्हे अक्सर फालतू समझ कर या तो जला दिया जाता है या फिर गर्मी के दिनों में यह लोगों की आफत का सबब बनती है । जिसकी बजह से वनों में आग लगती है और करोडा़े रूपये की वन सम्पदा नष्ट होनें के समाचार छपते ही रहते हैं। लेकिन दूसरी और इसी उपयोग कर महिलाओं ने इसमें तराषे रोजगार के तरीके ।
चलार की पतियों से निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पाद पंचायत मही में बनांए जा रहे हैं जिन्हें अनेकों माध्यम से बेचा जा रहा है । पर्यटन विभाग षिमला के होटलों में प्रदर्षनी और दिल्ली के हिमाचल भवन में सामान की प्रदर्षनी लगाई गई है । यही नहीं पिछले दिनों राज्य व राष्ट्रिीय स्तर के मेलों में भी चलार से बने उत्पादों की प्रर्दषनी लगाई गई । जिसकी वजह से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बनांए हुए उत्पाद लोगों को पंसद आ रहे हैं और उन्हे पर्यटकों को बेच कर इससे रोजगार भी मिला है । कई महिलाओं ने तो इसे अपनी आजीविका का साधन बना लिया है और अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की रोजमर्रा की जरूरतों को भी पूरा कर रही है । इन महिलाओं को अब परिवार के दूसरे सदस्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता ।


इषु ठाकुर ने बताया कि पिछले दो वर्ष से निरन्तर मही पंचायत में चलार से बने सामान को बढ़ावा देनें के लिए पर्यटन विभाग ने कई प्रकार का प्रषिक्षण समूहो को दिया है । लेकिन चलार की पतियों से बनने वाले सामान पर हमने ज्यादा ध्यान दिया जिसकी वजह से आज ये ग्रुप आत्म निर्भर बन सके हैं । ठाकुर ने यह भी कहा कि प्रदेष की प्रगति में महिलाओं के ऐसे कई समूहों का योगदान नगन्य रहा है जिससे प्रदेष में अन्य पंचायतों की महिलाओं को भी इससे सीखने और अपने जीवनोपार्जन का सहारा मिला है । परियोजना दल के उर्जा से भरे उर्जावान और नई नई योजना को तैयार करने वाले इषु ठाकुर ने मही पंचायत को पूरे भारतवर्ष में आदर्ष पंचायत बनाने की बात कही ।
दो वर्ष पूर्ण होनें पर उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और पिछले तीन माह में उत्पादों से हुई कमाई का समूह के सदस्यांें में आबंटन भी किया गया । इस मौके पर पर्यटन विभाग से इषु ठाकुर और निगरानी व समर्थन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह नेगी व स्वयमं सहायता समूह की प्रधान व सदस्य इन्द्रा, अनीता, सुनीता, भारती, सीमा, रीना और निर्मला सहित कई अन्य उपस्थित रहे ।
फोटो : स्वयं सहायता समूह की महिलांए चलार से निर्मित उत्पाद के साथ उनके साथ सुरेन्द्र सिंह नेगी व इषु ठाकुर

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