आवाज़ जनादेश -: जिला दण्डाधिकारी शिमला अमित कश्यप ने श्रम एवं रोजगार विभाग के अधिकारियों तथा जिला के अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को बाल एवं किशोर श्रम की रोकथाम और उन्मूलन के लिए बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये हैं। वह आज यहां इस अधिनियम के तहत आयोजित जिला स्तरीय टास्क फोर्स बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के प्रावधानों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाने चाहिए। इसके लिए होर्डिंग्ज, लीफलेट व प्रचार के अन्य माध्यमों का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
बाल श्रमिक जिसने 14 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है, को चाय दुकान, ढाबा, होटल, सड़क किनारे खाने-पीने व्यवसायों में, घरेलू नौकरी की श्रेणी में रखा जाना कानूनन अपराध है तथा किशोर श्रमिक जिसकी आयु 14 से 18 वर्ष के बीच है को खतरनाक एवं जोखिम भरे 16 व्यवसायों व 65 प्रक्रियाओं में कार्य करवाना निषेध है।
यदि कोई बाल एवं किशोर श्रमिक को उपरोक्त निर्देशित व्यवसायों एवं प्रक्रियाओं में कार्य करवाता है तो उसे बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत कम से कम 20 हजार रुपये व अधिकतम 50 हजार रुपये जुर्माना व कम से कम छह महीने व अधिकतम दो वर्ष के कारावास या दोनों सजाओं का प्रावधान है।
उन्होंने सभी नियोक्ताओं/व्यवसायियों से अपील की कि जोखिम भरे व्यवसायों एवं प्रक्रियाओं में बाल एवं किशोर श्रमिकों को नियोजित न करें।
यदि कोई भी बाल एवं किशोर श्रमिक किसी भी संस्थान में कार्यरत पाया जाता है, तो उसकी तत्काल सूचना 1098 (चाइल्ड हैल्प लाईन निःशुल्क फोन नम्बर), पुलिस कन्ट्रोल रूम फोन नम्बर 100, जिला श्रम अधिकारी, जिला कल्याण अधिकारी, पुलिस थाना, जिला रोजगार अधिकारी तथा सम्बंधित उप मंडल दंडाधिकारी को दें।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त देवाश्वेता बनिक, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) प्रभा राजीव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डाॅ. मनमोहन सिंह, एसडीएम शिमला शहरी नीरज चांदला, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विवेक शर्मा, जिला श्रम अधिकारी प्रताप वर्मा, प्रतिनिधि उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अजय शर्मा, चाईल्ड लाईन संस्था के प्रतिनिधि और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।