किसानों के हित के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेको योजनाएं
आवाज़ जनादेश बिलासपुर -: किसानो के हित के लिए अनेकों योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है जिनसे न केवल किसान/बागवान लाभान्वित ही हो रहे है अपितु कृषि और बागवानी के प्रति उनका रूझान भी बढ़ा है। उपायुक्त विवेक भाटिया बिलासपुर ने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही है विभिन्न कृषि सम्बन्धि योजनाओ का उल्लेख करते हुए कहा कि जिला बिलासपुर में किसानों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाए जा रहे है ताकि किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा किसानों के आर्थिक उत्थान के लिए चलाए जा रहे कृषि यंत्रीकरण सब मिशन के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में इस योजना पर 114.85 लाख रूपए का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि 2 बी एच पी के उपर के पाॅवर वीडर पर अधिकतम 25 हजार रूपए, 8 बी एच पी के उपर के पाॅवर टिलर पर 85 हजार रूपए अधिकतम, 8 से 20 एच पी के ट्रैक्टर पर 2 लाख 25 हजार रूपए तथा 20 से 40 एच पी के टैªक्टर पर 3 लाख रूपए अधिकतम या 50 प्रतिशत अनुदान जो कम हो सभी वर्गों के लघु व सीमांत किसानों को निर्धारण लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध करवा जा रहे है।
उन्होंने बताया कि डा0 वाई0 एस0 परमार स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा स्वरोजगार के अंतर्गत गत वर्ष से पाॅली हाउस निर्माण के लिए किसानों को अनुदान 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में इस योजना के अतंर्गत 40 लाख रूपये का निर्धारण लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसमें 2259 वर्ग मीटर का लक्ष्य रखा गया है। विभाग द्वारा निर्मित पाॅली हाउसों के बारे में समय-समय पर किसानों को तकनीकी जानकारी कृषि विषयवाद विशेषज्ञ, कृषि विकास अधिकारी, कृषि प्रसार अधिकारी तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों में तैनात वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों को उनके ग्रीन हाउस में ही दी जाती है। उन्होंने बताया कि अब किसानों को तकनीकी रूप से कृषि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षित करने के बाद ही ग्रीन हाउस हेतु स्वीकृति प्रदान की जाती है ताकि किसान ग्रीन हाउस से ज्यादा से ज्यादा उपज ले सकें तथा अपनी आर्थिक उन्नति बढ़ा सकें।
उन्होंने बताया कि किसानों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीदार मजदूर जीवन सुरक्षा योजना नई योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसानों व कृषि मजदूरों को कृषि उपकरणों के परिचालन के दौरान आकस्मिक चोट लगने या मृत्यु होने पर मुआवजे का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत मृत्यु होने पर 1 लाख 50 हजार, रीढ़ की हडडी टूटने व स्थाई अक्षमता पर 50 हजार रूपए, दो अंगों के विच्छेदन व स्थाई गंभीर चोट पर 40 हजार रूपए, एक अंग के विच्छेदन व चार अंगलियों के विच्छेदन (गंभीर चोट ) पर 30 हजार रूपए, पूरी उंगली विच्छेदन तीन उंगलियों तक 20 हजार रूपए तथा उंगली/अंगुठे के आंशिक विच्छेदन पर 10 हजार रूपए के मुआवजे का प्रावधान था। अब तक इस योजना के अंतर्गत किसानों को 4 लाख रूपए का मुआवजा प्रदान किया जा चुका है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला के किसानों व बागवानों की फसलों को जंगली जानवरों व बंदरों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना लागू की गई है। जिसमें 85 प्रतिशत (तीन या तीन से अधिक सामूहिक रूप से किसानो को) तथा 80 प्रतिशत अनुदान अकेले किसान को बाड़ लगाने के बाद दिया जाता है। इस योजना में दो प्रकार की विद्युत बाड़ लगाने का प्रावधान है। जिसमें विद्युत से संचालित बाड़ लगाने के बाद दिया जाता है। जिसमें विद्युत से संचालित बाड़ व सौर ऊर्जा से संचालित बाड़ का प्रावधान है। उपरोक्त योजना में 100 मीटर से 1500 मीटर तक के माॅडल उपलब्ध है तथा एक किसान अधिकतम 1500 मीटर तक बाड़ लगाने के बाद विभाग से अनुदान प्राप्त कर सकता हैं इस वर्ष इस योजन में विभाग को 191 लाख रूपये प्राप्त हुए है।
उन्होंने बताया कि पिछड़ा क्षेत्र से सम्बन्ध रखने वाले किसानों के लिए पिछड़ा क्षेत्र योजना के अंतर्गत किसानो को 50 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इस वर्ष इस योजना पर 1.52 लाख रूपए का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त हुआ है अब तक इसके अंतर्गत 1.074 लाख रूपए व्यय किए जा चुके है।
उपनिदेशक कृषि डाॅ डीएस पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा मिशन (गेहंू, दलहन व मटर) के तहत गेहंू, मक्की, मटर व दालों का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान आरंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत गेहंू, मक्की, मटर व दालों का उत्पादन बढ़ाने हेतु सहायता दी जा रही है। वर्ष 2018-19 में (गेहंू, मक्की दलहन व न्यूट्री-अनाज के अंतर्गत क्रमशः 34.31 लाख, 28.20 लाख, 12.70 व 1.39 लाख) का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसमें लगभग 36.29 लाख रूपए व्यय किए जा चुके है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्य रूप से जिला में गेहंू की फसल के सामुहिक प्रदर्शन (10 है0 प्रति कलस्टर), अधिक उपज देने वाली मक्की की किस्मों के बीज पर 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल की दर से अनुदान, कृषि सामग्री पर कृषकों को सूक्ष्म तत्व, पौध संरक्षण दवाईयों व स्प्रे पंप 50 प्रतिशत अनुदान, पानी के सदुपयोग हेतु पंप सैट पर किसानों को 50 प्रतिशत का अनुदान, मक्की की फसल के सामुहिक प्रदर्शन (10 है0 प्रति कलस्टर) अनुदान दिया जा रहा है।