हिमाचल प्रदेश में सस्ते दामों पर मिल रहे रिफाइंड की जगह सरसों तेल का डबल कोटा हो सकता है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर रिफाइंड की आपूर्ति रिजेक्ट हो रही है। सस्ते राशन के डिपुओं में कई जगह उपभोक्ता इसकी आपूर्ति लेने को तैयार नहीं है। इस कारण राज्य सरकार ने खाद्य आपूर्ति निगम से नया प्रोपोजल मांगा है। इसके तहत रिफाइंड को बंद करने का सुझाव शामिल है। इसकी जगह हर महीने दो लीटर मस्टर्ड ऑयल दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के 19 लाख उपभोक्ताओं से जुड़े इस फैसले को लेकर राज्य सरकार एक बार फिर जनता के सुझाव मांगेगी। इसी कारण खाद्य निगम को प्रोपोजल भेजने के लिए कहा गया है। बताते चलें कि हिमाचल में रिफाइंड के प्रति लोगों की रुचि घटने लगी है। अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को भी चिकित्सक रिफाइंड से दूर रहने की नसीहत दे रहे हैं। इस कारण सरकार की कोशिश है कि आम जनता की डिमांड को ध्यान में रखते हुए उनके स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाए। सूचना के अनुसार हिमाचल सरकार के जनमंच कार्यक्रमों में कई जगह सरसों तेल कोटा बढ़ाने के सुझाव मिले हैं। इसके अलावा रिफाइंड तेल से हो रही स्वास्थ्य हानि के मसले उठे हैं। इस कारण यह मामला सरकार के ध्यान में आया है। उल्लेखनीय है कि सात माह की जयराम ठाकुर सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में बेहतर परिणाम सामने आए हैं। चीनी तथा दालों की कीमतों को घटाकर सरकार ने आमजन तक अपनी पकड़ बनाई है। हालांकि खाद्य निगम की दुकानों और सरकारी डिपुओं में समय पर राशन की खेप न पहुंचना अब भी सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है। इसके अलावा हर महीने लगातार आपूर्ति भी बाधित हो रही है। सूत्रों का कहना है कि ओपन मार्केट में दालों के रेट में गिरावट आने से सरकार को सस्ती दालें मिल रही हैं। इसी तर्ज पर खुले बाजार में पहले के मुकाबले चीनी के दाम भी गिरे हैं।
रिफाइंड की जगह डबल होगा सरसों तेल का कोटा
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