आवाज़ जनादेश /कार्यालय / जिला शिमला के उपरी क्षेत्रो में आजकल हर व्यक्ति से चिट्टा चिट्टा चिट्टा चिट्टा चिट्टा चिट्टा चिट्टा चिट्टा …………………………….सुनाई और सुनने को मिलाता है नशा शिमला जिला में अपनी जडो की जकड़ में जिला के युवाओ को विकलांगता के गटर में धकेल रहा है नशे के करो बारी इससे पैसा तो खूब काम रहे है मगर इन्हें नही पता के कल इनकी संताने भी इससी नशे की आदि हो सकती है | उस दिन तक पैसा तो बहुत होगा मगर ओलाद नही हो बात यदि शिमला शहर की जाए तो शहर में नशा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है जैसा कि कहा गया कि चिट्टा का सरगना पकड़ा गया उसके बावजूद शिमला शहर व आसपास के क्षेत्रों से रोजाना खबरें आ रही है की फलां से चिट्ठा पकड़ा गया इससे यह साफ साबित होता है कि अभी तक चिट्टा का मुख्य सरगना अब भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं है!
अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस तरह के गंदे नसों को कैसे खत्म किया जाए जिससे आने वाली हमारी आने वाली और आ चुकी पुश्तों का बीज नाश होने का खतरा बढ़ गया है आखिर कैसे बचाया जाए अपनी पुश्तों को पीढ़ियों को इस नशे से क्या हमारी सरकारों के पास ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नहीं है जिसके माध्यम से यह पता लगाया जा सके की कौन आदमी किस तरह का नशा करता है अगर है तो उसका प्रयोग करना अति आवश्यक हो गया है!
शिमला शहर के समाज सेवी रवि कुमार दलित ने कहा है की प्रशासन और सरकार को कड़े संज्ञान लेने जरूरत है नही तो युवा बर्बाद हो जाएगा वंही कोटखाई के युवा रौनक शर्मा , इशान ओक्टा ,सिकन्दर मेहता आदि सभी युवा ने सरकार से सख्त कानून बनाने की माग की है उन्होनें कहा है की अब हिमाचल सरकार को सख्त कदम उठाना होगा और ब्लड सैंपल के माध्यम से सबूत जुटाने होंगे की कौन आदमी किस तरह का नशा कर रहा है इसकी शुरुआत हिमाचल प्रदेश सरकार को बच्चों का भविष्य बचाने के लिए करनी ही होगी
अब यह तय प्रदेश सरकार को करना है की शुरुआत कहां से की जॉय अगर शुरुआत हाई प्रोफाइल लोगों से शुरू की जाती है तो प्रदेश सरकार के लिए यह एक बहुत बड़ा उदाहरण बनेगा और आम आदमी सैंपल देने में अर्थात ब्लड सैंपल देने में गुरेज नहीं करेगा और जो नशा करता है जो नशा नहीं करता है हर आदमी के ब्लड सैंपल लिए जाए अगर प्रदेश सरकार हमारे सुझाव पर काम करती है तो मैं दावे से कहता हूं कि नशा करने वालों के नशे का दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा खुद ब खुद नशा करने वाले बताएंगे कि वह नशा कहां से आता है | रविकुमार ने कहा की बाकी आप खुद समझदार हैं बड़े खुलासे होंगे अगर मेरे साथी नशे के खिलाफ अभियान चलाना चाहते हैं तो इस पोस्ट को शेयर करिए ताकि आने वाली नस्लों को पुश्तों को बच्चों को नशे से बचाने के लिए रामबाण साबित हो और सरकार हमारे इस सुझाव पर अमल करें!