पायलट की हिम्मत को सलाम मिग-21 के पायलट ने गवांई जान

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जवाली —एक तरफ  हर कोई मिग-21 के क्रैश होने की घटना से सन्न था वहीं लोग  बुद्धिजीवी पायलट की हिम्मत को सलाम ठोक रहे थे। बुद्धिजीवियों के अनुसार पायलट की ट्रेनिंग में एक ही बात सिखाई जाती है कि अगर जहाज में कोई खराबी आ जाए, तो उसको आबादी वाले क्षेत्र की बजाय एकांत स्थान पर गिराएं। शायद यही कारण रहा कि मिग-21 के पायलट ने अपनी जान की परवाह न करते हुए विमान को आबादी वाले स्थान से दूर गिराया। पायलट अगर अपनी जान को बचाते हुए पैराशूट से कूद जाता और विमान किसी आबादी वाले स्थान पर गिरता, तो एक बड़ी घटना घटित हो जाती , जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली जाती। सैकड़ों लोगों की जान की सुरक्षा पायलट ने अपनी जान की बलि देकर की है। बुद्धिजीवियों ने कहा कि एक बार फिर से सेना के पायलट ने अपनी जान देकर साबित कर दिया है कि जवान अपने लिए नहीं बल्कि देश की जनता के लिए जीता है। लोगों के अनुसार पायलट की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।

200 मीटर दूर पैराशूट…400 मीटर दूर शरीर के टुकड़े

बताया जा रहा है कि घटनास्थल के ऊपर बिजली की 11 केवी की हाई टेंशन तारें गुजर रही हैं इसलिए विमान को पहले उनसे टकराने से बचाया गया, वहीं बाद में साथ लगते खैर और कामल के पेड़ों से टकराकर विमान परखचे उड़ गए। इस हादसे में एक युवा पायलट की मौत इतनी भयानक थी कि उनके शरीर के टुकड़े करीब 400 मीटर के क्षेत्र में बिखरे पड़े थे।  वहीं, विमान के टुकड़े भी करीब आधा किलोमीटर एरिया में बिखरे पड़े थे, जबकि पैराशूट करीब 200 मीटर दूर पड़ा था।

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