शिमला – स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान एम्स के निर्माण के लिये 1351 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही इस महत्वकांक्षी संस्थान की आधारशिला रख चुके हैं। परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत देशभर में छः नये एम्स खोले जाने हैं जिसमें से हिमाचल प्रदेश को भी प्रधानमंत्री ने यह सौगात प्रदान की है, जो निश्चित तौर पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे राज्य को एम्स जैसा प्रतिष्ठित संस्थान मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि है और इसके लिये प्रदेश के लोग प्रधानमंत्री के सदैव आभारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये पीजीआई चण्डीगढ़ तथा दिल्ली तक जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा प्रदेश में ही उपलब्ध हो जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली एम्स की तर्ज पर स्थापित किए जाने वाले 750 बिस्तरों के इस राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में आयुष विभाग भी होगा। एमबीबीएस की एक सौ सीटें तथा बीएससी नर्सिंग की 60 सीटें होंगी। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में लोगों को अति.विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी तथा इसमें ट्रॉमा केन्द्रों सहित अनेक संकाय में सुपर स्पैशियलिटी उपचार सेवा सुविधा होगी। लगभग 1300 बीघा जमीन पर निर्मित होने वाले इस संस्थान में एक विशाल सभागार भी होगा। परमार ने बताया कि हमारी सरकार एम्स के शीघ्र निर्माण को लेकर उत्साहित है और लगभग 30 महीने में निर्माण कार्य पूरा करने के लिये पुरज़ोर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं के सृजन के साथ.साथ चिकित्सकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सत्ता संभालते ही चिकित्सकों के 100 पदों को भरने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य जीवन आम आदमी के लिये आवश्यक ही नहींए बल्कि उसका अधिकार भी है और सरकार ने पहले ही दिन से इस दिशा में चिंतन करना आरंभ कर दिया है।