शिमला। उपमंडल पांवटा साहिब के सेनवाला गांव में वन विभाग द्वारा मकान गिराए जाने की घटना के बाद मकान मालिक 70 वर्षीय बुजुर्ग कुंदन की सदमें से मौत पर हिमाचल किसान सभा ने गहरा शोक व्यक्त किया है। किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तँवर और नव निर्वाचित विधायक एवं किसान सभा के राज्य सचिव राकेष सिंघा सहित किसान सभा सिरमौर की टीम 5 जनवरी को मृतक के परिवार को मिलने के लिए जाएगी। इससे पहले किसान सभा की स्थानीय इकाई को निर्देष दिए गए हैं कि वह मृतक के परिवार से मिलकर वास्तविक स्थिति का जायज़ा ले। किसान सभा राज्य सरकार से मिलकर इस मुद्दे का तर्कसंगत हल निकालने के लिए भी मुलाकात करेगी। वहीं विधायक राकेष सिंघा ने कहा कि भाजपा सरकार के समय में भू राजस्व कानून में 163 के रूप में किया गया संषोधन अभी निरस्त नहीं हुआ है जिसमें भूमि को नियमित करने के नियम बने थे। सरकार को चाहिए कि इस आधार पर वह हाईकोर्ट में अपील करे। राकेश सिंघा ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पहले भी बेदखली की कार्रवाई के दौरान अधिकतर मामलों में ज़मीन से जिन लोगों की बेदखली हुई है या जिनके पौधे काटे गए हैं या बिजली पानी के कनेक्षन काटे गए हैं वे गरीब, सीमांत किसान हैं जिनमें से कुछेक के पास न तो इसके बाद कमाई का कोई दूसरा साधन बचा है और न ही सर ढकने को छत। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले को कानून के उल्लंघन की नज़र से देखने के बजाय मानवीय धरातल पर और संवेदनशीलता के साथ देखने की ज़रूरत है। विधायक सिंघा ने कहा कि वे आने वाले विधानसभा सत्र में सरकार के समक्ष किसानों की समस्या को रखेंगे और अपनी मंशा से अवगत करवाएंगे। किसान सभा अध्यक्ष डॉ. तँवर ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह कार्रवाई को रोकने के लिए उच्च न्यायालय में प्रार्थनापत्र दे और इस मुद्दे पर कोई ठोस नीति बनाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 2002 में किसानों से उनकी भूमि नियमित करने का वायदा किया था और किसानों से शपथ पत्र लिए थे। सरकारी भूमि को नियमित करने के लिए फार्म भरे थे उनकी संख्या 1,67,399 थी। उन्होंने कहा कि सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है और ऐसे में मानवीय आधार पर भी यह उचित नहीं है कि किसी को बेघर किया जाए। प्रदेष भर में लोगों को मकान खाली करने और तोड़ने के नोटिस आ रहे हैं। इसे तुरन्त प्रभाव से रुकवाना चाहिए।