शिमला। गेयटी थिएटर के टेवरन हॉल में सजी कैदियों की प्रदर्शनी लोगों को खूब भा रही है। आम आदमी सहित पहाड़ों की रानी पहुंचे सैलानी भी उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों पर फिदा हैं व इन वस्तुओं की जमकर खरीददारी कर रहे हैं। बीते तीन दिनों से आयोजित इस प्रदर्शनी में अभी तक लोग 50 हजार रुपए से ऊपर की खरीददारी कर चुके हैं। यहां कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों में कुर्ते, जैकेट्स, मफरल, कुल्लवी पट्टू, वुडन टेवल, महाराजा लुङ्क्षकग गलास, बिस्कुट, फर्नीचर सहित अन्य उत्पाद शामिल हैं। कैदियों द्वारा बनाए गए बिस्कुट यहां 30 रुपए से स्टार्ट हैं। इसके अलावा शॉल, मफरल की कीमत 300 से शुरु होकर 2400 रुपए तक की है, जबकि कुल्पी पट्टू 12 हजार रुपए का यहां शामिल है। इसके अलावा यहां रखा वुडन टेबल 3200, महाराजा लुङ्क्षकग गलास 7500, कुर्ते 350 व जैकेट की कीमत 1200 रुपए तक की है। सैंट्रल कंडा जेल के डी.एस.पी. जगजीत चौधरी ने बताया कि कैदियों की प्रदर्शनी गेयटी थिएटर में पहले भी आयोजित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में हिमाचली शॉल लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, ऐसे में बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानी शॉल की जम कर खरीदारी कर रहे है। इसके अलावा इस प्रदर्शनी में कुल्लू, पशमीना और अंगोरा शालें, ऊनी कोट, जैकेट और ऊनी पट्टी आदि ग्राहकों और पर्यटकों के विशेष आर्कषण की वस्तुएं रह रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में ऊनी पट्टी की खरीदारी भी पर्यटक कर रहें हैं।
शिमला में हाथो हाथ बिक रही गेयटी थिएटर में सजी कैदियों की प्रदर्शनी, 3 दिनों में 50 हजार हुई बिक्री
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